Dalit youth beaten to death: हाल ही में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur kheri) से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है. जहाँ एक दलित युवक की इतनी बेरहमी से पिटाई की गई कि उसकी मौके पर ही मौत हो गई. जिसके बाद मृतक युवक के परिजनों ने स्थानीय थाने में जाकर इस मामले की शिकायत दर्ज कराई। तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते है.
दलित युवक की पीट-पीट कर हत्या
सदियों से चली आ रही जातिगत ज़ंजीरों ने दलितों को न केवल समाज से बल्कि अपने ही सपनों से भी जुदा कर दिया है. जब भी किसी ने उन ज़ंजीरों को तोड़ने की कोशिश की तो उसे कुचल दिया गया या इतिहास में हाशिये पर धकेल दिया गया. यह खौफ केवल एक वर्ग तक सीमित नहीं रहा बल्कि यह पूरी सामाजिक व्यवस्था को खोखला करता गया. आज भी दलितों को डर में रखने के लिए मनुवादियों द्वारा नए-नए हथकंडे अपनाए जा रहे हैं और जातिवाद को बनाए रखने के लिए एक सुव्यवस्थित षड्यंत्र रचा जा रहा है. दलित समाज आज भी डर के साये में घूम रहा है. कभी भी कही भी उनके साथ मारपीट शुरू कर दी जाती है या फिर पीट-पीट कर उनकी हत्या कर दी जाती है. ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश से सामने आया है.
जहां एक दलित युवक की पीट पीट कर हत्या करने के मामले से पूरे इलाके में सनसनी मच गई है. ये घटना लखीमपुर के शारदा नगर थाना क्षेत्र के तनाजा गांव की है, जहां जातिवादियों ने 35 साल के एक दलित युवक जयप्रकाश गौतम की बेहरमी से पीट पीट कर हत्या कर दी. चश्मदीदों की मानें तो जयप्रकाश गौतम शारदा नगर से अपने घर जा रहे थे, तभी रास्ते में शराब पी रहे जय सिंह, मंगल सिंह, निक्कू सिंह और गुरपेज सिंह ने उन्हें जातिसूचक गालियां देनी शुरु कर दी.
दलित युवक की रास्ते में मौत
जयप्रकाश गौतम ने इसका विरोध किया जिससे गुस्साए चारों युवकों ने लाठी डंडो से जय प्रकाश गौतम को पीटना शुरु कर दिया. इस घटना की सूचना जब परिवार वालो को मिली तो वो तुरंत जयप्रकाश को बचाने पहुंचे लेकिन तब तक घायल अवस्था में दलित युवक को तड़पता हुआ छोड़कर आरोपी फरार हो चुके थे. आनन फानन में परिजन जयप्रकाश को अस्पताल ले गए लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया. इस घटना से गुस्साए परिवार वालों ने पुलिस को शव उठाने नहीं दिया.
उनकी स्पष्ट मांग है कि जब तक आरोपी पकड़े नहीं जाते तब तक शव को नहीं उठाने देंगे. इस घटना से पूरे इलाके में लोगो के अंदर काफी गुस्सा है. हालांकि, पुलिस पीड़ित परिवार को समझाने में जुटी है कि वो शव का अंतिम संस्कार कर दें लेकिन मृतक के परिजन किसी भी हाल में अंतिम संस्कार के लिए राजी नहीं हैं.