तमिलनाडु में छुआछूत की दीवार सवर्णों ने खड़ी की 200 फीट लंबी दीवार, दलितों को चप्पल पहनना मना

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Untouchability in Tamil Nadu: हाल ही में तमिल नाडु (Tamil Nadu) के करूर करूर जिले (Karur district) के मुथुलादमपट्टी गांव (Muthuladampatti Village) से सनसनीखेज मामला सामने आया है. जहाँ ऊंच जाति के लोगो ने दलित समुदाय के बीच एक छुआछूत की दीवार खड़ी कर दी है. जिसके बाद से दोनों समुदाय के बीच गहरा विवाद छिड़ गया है. दूसरी और अनुसूचित जाति का आरोप है कि सवर्णो ने इस दीवार को 200 फ़ीट लम्बा और 10 फ़ीट ऊँची बनायीं है. तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते है.

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दलित समुदाय के बीच छुआछूत की दीवार

बीते दिन तमिलनाडु से दलित उत्पीड़न की चौकाने वाली एक खबर सामने आयी जहाँ, सवर्णों ने पिछड़ी जाति वालों को रोकने के लिए एक छुआछूत की दीवार खड़ी कर दी है. दरअसल, ये खबर है करूर जिले के मुथुलादमपट्टी गांव की, जहां दलितों को सवर्णों ने अपने मोहल्ले में प्रवेश से रोकने के लिए 200 फीट लंबी और 10 फीट उंची दीवार बनवा दी है. इस दीवार को छुआछूत की दीवार का नाम दिया गया है. सवर्णों ने ये दीवार सरकारी पोरंबोक यानी कि सरकार की सार्वजनिक जमीन पर दीवार का निर्माण कराया है.

गांव के रहने वाले अरूंथथियार समुदाय, जो कि पिछड़े समुदाय का हिस्सा है. उनका कहना है कि इस दीवार के कारण वे लोग गांव के मूल हिस्से में नहीं जा सकते हैं. वहीं सवर्ण जो कि थोट्टियां समुदाय के लोग हैं, वे लोग जब दीवार बनवा रहे थे तब भी प्रशासनिक अधिकारी से शिकायत की गई थी लेकिन अधिकारियों ने केवल खानापूर्ती के लिए मुंह से निर्माण को रोकने के आदेश दिए.

बिना सूचना के खड़ी की गई दीवार

कोई लिखित नोटिस नहीं दिया और थोटिट्यां समुदाय के लोगों ने  दीवार खड़ी कर दी. प्रशासन की लापरवाही के कारण दीवार पूरी हो गई, जिसके बाद दलितों ने प्रदर्शन करना शुरु कर दिया. इसके बाद 13 जुलाई और 29 जुलाई को दो बैठके हुई लेकिन दीवार तोड़ने को लेकर कोई फैसला नहीं किया गया. इतना ही नहीं, पीड़ित दलितों की आपबीती के अनुसार सवर्ण गांव में दलितों के प्रवेश को लेकर कई कड़े नियम है. गांव के उस हिस्सें में दलित चप्पल पहन कर नहीं जा सकते है.

अगर वे ऐसा करते है तो उन्हें जातिसूचक गालियां देकर अपमानित किया जाता है. वहीं कलेक्टर एम थंगवेल ने कहा कि उन्होंने जांच के आदेश दिए हैं. वो अभी पुख्ता तौर पर नहीं कह सकते है कि क्या ये दीवार वाकई में छुआछूत की दीवार है या वाकई में शराबियों औऱ दबंगो को दूर रखने के लिए बनाई गई है.

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