Dalit Family Attacked In Mainpuri: हाल ही में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मैनपुरी (Mainpuri) से एक चौकाने वाली खबर सामने आई है. जहाँ गाँव के कुछ दबंगों ने एक दलित परिवार के घर के सामने नींव भरकर रास्ता बंद करने की कोशिश की. जब दलित परिवार ने इस बात का विरोध किया तो दबंगों ने उनके साथ मारपीट करी जिसमे तीन महिला गंभीर रूप से घयल हो गयी है. इतना ही उन्हें जातिसूचक शब्द कहकर अपमानित भी किया. तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते हैं.
और पढ़े: चंदौली कोर्ट का बड़ा फैसला दलित उत्पीड़न के 8 दोषियों को 10 साल की कैद, ₹60,000 जुर्माना
दलित परिवार के साथ बेरहमी से मारपीट
दलितों पर अत्याचार, हमले, भेदभाव और अन्याय समाज में एक गंभीर समस्या बनी हुई है, जिसके रुकने का नाम ही नहीं ले रहे. आए दिन सामने आ रही घटनाएँ बताती हैं कि तमाम कानूनों और जागरूकता अभियानों के बावजूद, समाज का यह वर्ग आज भी हिंसा और भेदभाव का शिकार हो रहा है. ऐसा ही एक दलित उत्पीडन का मामला उत्तर प्रदेश के मैनपुरी के करहल थाना क्षेत्र के उस्थान गांव से सामने आया है. जहाँ, एक जमीन विवाद ने जातिगत हिंसा का रूप ले लिया. दरअसल, बीते दिन यानी 11 अगस्त को दबंगों ने एक दलित परिवार के घर के सामने नींव भरकर रास्ता बंद करने की कोशिश की जिसके बाद विरोध करने पर दलित परिवार के साथ मारपीट की गयी.
वही मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार पीड़ित महिला की शिकायत के मुताबिक, जब राधा देवी वाल्मीकि के परिवार ने इसका विरोध किया, तो राजू, बबलू, बंटी, अवनीश और रामसेवक शाक्य ने उन पर ईंट-पत्थरों से हमला कर दिया. इस हमले में राधा देवी की बेटी कविता के सिर में गंभीर चोट लगी, जबकि उनके पति और बहू मोना भी घायल हो गईं. पीड़ित महिला ने अपनी शिकायत में बताया कि दबंगों जब इतने से मन नहीं भरा तो उन्होंने पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी और गलिया देकर अपमानित भी किया.
पीड़ित परिवार का आरोप
आपको बात दें, इस घटना के बाद पीड़ित परिवार ने स्थनीय थाने में जाकर शिकायत दर्ज करवाई लेकिन दलित परिवार का का आरोप है कि थाना प्रभारी ने उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. एसपी से न्याय की गुहार लगाने पर उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन दिया है. पीड़ित परिवार ने कहा कि वे कोई झगड़ा नहीं चाहते, लेकिन गाँव में उनका घर है और शाक्य समाज के लोगों की संख्या ज़्यादा है.
और पढ़े: दो प्रधानों की लड़ाई में फंसी दलित बस्ती, 500 लोगों की जिंदगी खतरे में