Dalit youth murdered: हाल ही में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अलीगढ (Aligarh) से एक खबर आई है. जहाँ 5 साल पहले दबंगों ने एक दलित युवक की सिर्फ़ इसलिए हत्या कर दी थी क्योंकि उस पर 70 रुपये का कर्ज था. इस घटना में मृतक के चाचा भी घायल हो गया था. वही अब 5 साल बाद इस हत्याकांड में अदालत ने अपना फैसला सुनाया है. जिसमें 3 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते हैं.
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पैसो को लेकर दलित युवक ही हत्या
दलितों की दिनदहाड़े हत्या ये तो थमने का नाम ही नहीं ले रहीं है. दबंगों को कोई खौफ नहीं मनो जैसे दलित की जान का कोई मोल ही नहीं हैं. ऐसा ही एक खबर यूपी के अलीगढ़ से सामने आई है, जहां मात्र 70 रुपये के लिए एक दलित परिवार ने अपना बेटा खो दिया था लेकिन अब करीब 5 साल बाद दलित परिवार को न्याय मिला है. दरअसल, 5 जून 2020 को अलीगढ़ के सरकोरिया गांव के रहने वाले 26 साल के मनोज जाटव की 6 लोगों ने हत्या कर दी थी लेकिन अब विशेष अदालत ने सबूतो के अभाव में 4 लोगों को बरी कर दिया है, तो वहीं 2 आरोपियों को वीरेंद्र सिंह और होशियार सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई है, साथ ही दोनों पर 55 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
बता दें 5 जून 2020 को मृतक मनोज अपने चचेरे भाई के साथ वीरेंद्र सिंह की दुकान पर गए थे लेकिन वीरेंद्र सिंह ने पहले का बकाया 70 रुपये की मांग की, जिसे लेकर दोनों में काफी बहस हो गई और मनोज वापस घर आ गया. लेकिन वीरेंद्र सिंह को ये अपनी बेज्जती लगी, वो अपने सगे भाई होशियार सिंह समेत 6 लोगों साथ मनोज के घर पहुंचा और उसे बुरी तरह से पीटना शुरु कर दिया.
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कई धाराओं के तहत केस दर्ज
इस हमले से मनोज की जान चली गई थी और मनोज के चाचा बुरी तरह से घायल हो गए थे. पुलिस ने इस मामले को हत्या, दंगा करना, गैरकानूनी तरीके से भीड़ इकट्ठी करना, हत्या की कोशिश, महिलाओं के साथ अश्लील हरकतें करने और आपराधिक साजिश समेत कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया था. साथ ही, आर्म्स एक्ट और एससी/एसटी एक्ट (SC-ST ACT) की धाराएं भी आरोपियों पर लगाई गई हैं. हालांकि, सुनवाई के दौरान 4 आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया लेकिन दो आरोपियों को उम्र की सजा सुनाई गई है.