दलित युवक के साथ क्रूरता हार का बदला लेने के लिए की गई बुरी तरह मारपीट

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Brutality with a Dalit youth:  उत्तर प्रदेश (UP) के वाराणसी (Varanasi) से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. जहाँ एक दलित युवक के साथ दरिंदगी की गई. वो भी सिर्फ़ इसलिए क्योंकि दलित युवक ने एक सवर्ण युवक को कुश्ती में हरा दिया था. हार बर्दाश्त न कर पाने पर दबंग युवक ने बदला लेने की ठान ली और इस अपराध को अंजाम दे डाला. तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते हैं.

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दलित युवक के साथ अमानवीय घटना

हमारे संविधान ने सभी नागरिकों को समान अधिकार दिए हैं लेकिन ज़मीनी हकीकत इससे कहीं अलग है. सदियों पुरानी जातिगत सोच और भेदभाव आज भी दलित समाज को अपनी जकड़ में कसकर पकड़े हुए है. कभी खुलेआम हिंसा के रूप में तो कभी सामाजिक और आर्थिक बहिष्कार के रुप में, आज भी दलित उत्पीड़न अनेक रूपों में सामने आता है. हर बार जब किसी दलित पर अत्याचार होता है तो सियासत गरमाती है, बयानबाज़ी होती है, वादे किए जाते हैं  लेकिन समय बीतते ही सब कुछ ठंडा पड़ जाता है. सवाल अब भी वही है कि आख़िर दलित समाज इस देश में कब सम्मान, सुरक्षा और समानता के साथ जी सकेगा?

दलित उत्पीड़न की अगली खबर यूपी के वाराणसी से है, जहां केवल पंजा लड़ाने में हारने के कारण एक दलित युवक के साथ अमानवीय घटना को अंजाम दिया गया. जी हां, ये घटना है वाराणसी के मिर्जामुराद थाना क्षेत्र के करधना गांव की, जहां एक दलित युवक शुभांकर चमार को पहले गांव के कुछ लोगो ने पंजा लड़ाने के लिए कहा. जब शुभांकर इस खेल में हार गया तो जातिवादी दबंगो ने शुभांकर के मुंह पर थूका, जातिसूचक गालियां दीं और लाठी-डंडे औऱ धारदार हथियार से हमला भी कर दिया.

प्रशासन पर उठाये सवाल

जब शुभांकर बेहोश हो गया तो आरोपी उसे अधमरी अवस्था में छोड़ कर फरार हो गए. हैरानी की बात तो ये है कि पुलिस ने भी पीड़ित के परिवार की गुहार को अनदेखा करते हुए एफआईआर दर्ज करने में लापरवाही बरती. इस घटना को लेकर भीम आर्मी चीफ चंद्र शेखर (Bhim Army Chandshekhar Azad) आजाद ने x पर पोस्ट करे पीड़ित औऱ उसके परिवार के लिए न्याय की मांग करते हुए पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाये हैं. साथ ही उन्होंने आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार करने, फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामले की सुनवाई करने और पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग की है.

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