Andhra Pradesh news: हाल ही में आंध्र प्रदेश में दलित संगला ऐक्य वेदिका नामक एक संगठन ने सरकार से दलित समुदाय के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए कदम उठाने का आग्रह किया है. यह समूह दलितों के साथ कथित भेदभाव और उत्पीड़न के खिलाफ एकजुट हुआ है. तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते हैं.
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चुनाव आयोग के खिलाफ ऐक्य वेदिका संगठन
बीते दिन आंध्र प्रदेश से एक मामला सामने आया है…दरअसल, पिछले कुछ बीते हफ्तों से वोट चोरी के मामले में संसद में काफी गर्माहट है तो वहीं अब आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में विश्रुत दलित संघ ऐक्य वेदिका संगठन भी चुनाव आयोग के खिलाफ खड़ी हो गया है. इस संगठन ने चुनाव आयोग से वोट चोरी और फर्जी मतदाताओं की सख्ती से जांच करने की मांग करते हुए मत चोरी रोकने और लोकतंत्र बचाने का नारा देते हुए महात्मा गांधी की प्रतीमा के आगे धरना प्रदर्शन शुरु कर दिया है.
विश्रुत दलित संघला ऐक्य वेदिका राष्ट्र समिति के संयोजक बूसी वेंकट राव ने चुनाव आयोग को चुनौती देते हुए कहा कि बाबा साहेब ने संविधान के अनुच्छेद 326 में एक व्यक्ति एक वोट का अधिकार दिया था लेकिन जिस तरह से वोट चोरी का मामला उछला है, उससे अब धांधली को लेकर सटीक जांच होनी चाहिए. ये संविधान का अपमान है.
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पार्टियों की ओर से वोटर लिस्ट में हेरफेर
उन्होंने चुनाव आयोग द्वारा SIR के नाम पर 75 लाख वोटर्स के नाम हटाने की बात को गैर संवैधानिक बताते हुए कहा कि वोटर लिस्ट से फर्जी नाम हटाने के बजाय असली वोटर्स को हटाना पूरी तरह कानून के खिलाफ है. आपको बता दें कि विपक्षी पार्टियों की ओर से वोटर लिस्ट में हेरफेर और वोट चोरी का आरोप लगाया जा रहा है. पिछले दिनों राहलु गांधी ने प्रूफ के साथ इसे जनता के सामने भी रखा. इस मामले को लेकर पूरे देश में हंगामा मचा हुआ है. ऐसे में आने वाले समय में इसे लेकर क्या कदम उठाया जाता है, यह देखने वाली बात होगी.
इसके अलावा, आपको बता दें कि संगठन ने दलितों पर हमलों और सामाजिक भेदभाव को रोकने के लिए कड़े कानून और प्रभावी कार्रवाई की मांग की है. शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण नियमों के उचित क्रियान्वयन पर ज़ोर दिया गया है. यह सुनिश्चित करने की मांग की गई है कि सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सभी ज़रूरतमंद दलितों तक पहुँचे.