Muzaffarnagar: बुढ़ाना में दलित युवक की हत्या पर सियासी घमासान, भाजपा-रालोद आमने-सामने

Dalit Youth die
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Dalit youth murdered: बीते कुछ दिन पहले  उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) से इंसानियत को शर्मशार करने वाला मामला सामने आया था. जहाँ एक 30 वर्षीय दलित युवक (Dalit youth) की हत्या सिर्फ़ इसलिए कर दी गई क्योंकि भीड़ को उस पर चोरी का शक था, जिसके चलते भीड़ ने दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी. लेकिन अब इस मामले में नई चीज सामने आई है वही बीजेपी नेताओं ने पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद भी दी है.  तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते है.

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दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या

दलित उत्पीड़न की यह खबर यूपी के मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना से सामने आई है, जहां राखी बंधवाने गए दलित युवक मोनू खटीक की चोर होने के शक में हुई पीट पीट कर हत्या कर दी गई थी. वही इस घटना की शिकायत मृतक के परिवार ने स्थनीय थाने में दर्ज करवाई थी. जहाँ पीड़ित परिवार ने बताया कि ग्रामीणों ने चोरी के संदेह में मोनू को बुरी तरह पीटा. वह किसी तरह जान बचाकर घर पहुँचा लेकिन देर रात गंभीर हालत में उसकी मौत हो गई.

भाजपा-रालोद आमने-सामने

इसके अलवा मोनू के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है और मामले की जाँच की जा रही थी. लेकिन अब ये मामला पूरी तरह से राजनीतिक रूप ले चुका है. एक तरफ मृतक मोनू को न्याय दिलाने के लिए भाजपा और हिंदूवादी संगठन पीड़ित परिवार के साथ खड़े दिख रहे हैं तो वहीं अब राष्ट्रीय लोकदल (RLD) आरोपी पक्ष के समर्थन में खड़ी हो गई है और मृतक के परिवार के आर्थिक मदद के लिए आगे आई है.

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पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद

आपको बता दें, पुलिस अधीक्षक आदित्य बंसल ने मृतक युवक के परिवार को आश्वासन दिया और कहा “किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाज़त नहीं दी जाएगी. दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई कर कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी.  वही इस घटना के सामने आते ही बीजेपी (BJP) नेताओं ने पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद देते हुए कहा कि मोनू की हत्या सोची समझी साजिश के तहत की गई है और वो मोनू को न्याय दिलाने के लिए सीएम योगी तक से बात करेंगे.

ध्यान देने वाली बात है कि मृतक मोनू के परिवार ने घटना के बाद न्याय के लिए प्रदर्शन किया था, जिसके बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी सादिक को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है. इसके अलवा जयंत चौधरी की पार्टी रालोद ने इस मामले पर कहा कि पुलिस पर बीजेपी का दवाब है और इसलिए वो निर्दोष लोगो के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. रालोद नेता विनोद मलिक ने कहा कि एफआईआर में लिखे नामों में से कई लोग तो घटनास्थल पर मौजूद तक नहीं थे. उन्होंने इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है.

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