BNS Section 192 in Hindi: भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 192 , यह धारा “आपराधिक षड्यंत्र” से संबंधित है। तो चलिए आपको इस लेख में बताते हैं कि ऐसा करने पर कितने साल की सजा का प्रावधान है और बीएनएस (Bhaarateey dand sanhita) में व्यभिचार के बारे में क्या कहा गया है।
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धारा 192 क्या कहती है? BNS Section 192 in Hindi
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बीएनएस धारा 192 की महतवपूर्ण बातें
- दो या अधिक व्यक्तियों की आवश्यकता – आपराधिक षड्यंत्र के अपराध को अंजाम देने के लिए कम से कम दो व्यक्तियों की आवश्यकता होती है।
- इस धारा के अंतर्गत, केवल समझौता करना ही अपराध है। यह आवश्यक नहीं है कि षड्यंत्र का उद्देश्य प्राप्त हो जाए या कोई अवैध कार्य वास्तव में किया गया हो।
- षड्यंत्र का उद्देश्य कोई भी अवैध कार्य हो सकता है, जैसे हत्या, डकैती, धोखाधड़ी या कोई अन्य अपराध।
- आपराधिक षड्यंत्र को साबित करना अक्सर मुश्किल होता है क्योंकि इसमें गुप्त समझौते शामिल होते हैं। इसे साबित करने के लिए अभियोजन पक्ष को परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर बहुत अधिक निर्भर रहना पड़ता है।
किन परिस्थियों में बीएनएस धारा 191 लागु
कुछ परिस्थितियाँ जिनमें बीएनएस की धारा 192 लागू होती है…जैसे जब कुछ लोग मिलकर किसी व्यक्ति की हत्या की योजना बनाते हैं।
- जब कुछ लोग मिलकर बैंक लूटने की योजना बनाते हैं।
- जब कुछ लोग मिलकर किसी कंपनी में धोखाधड़ी करने की योजना बनाते हैं।
- जब कुछ लोग मिलकर किसी नेता को अवैध तरीकों से परेशान करने की योजना बनाते हैं।
बीएनएस धारा 191 सजा
इसके अलवा आपको बता दें कि धारा (Section) 192 के तहत दोषी पाए जाने पर सजा का प्रावधान कुछ इस तरह से है कि…आपराधिक षड्यंत्र के लिए दंड उस अपराध के बराबर होता है जिसके लिए षड्यंत्र रचा गया था।