क्या कहती है BNS की धारा 214, जानें इससे जुड़ी सबसे महत्वपूर्ण बातें

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BNS Section 214 in Hindi: भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 214 के अनुसार, कोई व्यक्ति किसी लोक सेवक द्वारा पूछे गए किसी ऐसे प्रश्न का उत्तर देने से इनकार नहीं कर सकता, जिसका उत्तर देने के लिए वह कानूनी रूप से बाध्य है। तो चलिए आपको इस लेख में बताते हैं कि ऐसा करने पर कितने साल की सजा का प्रावधान है और बीएनएस (Bhaarateey dand sanhita) में व्यभिचार के बारे में क्या कहा गया है।

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धारा 214 क्या कहती है? BNS Section 214 in Hindi

जैसा कि आप जानते हैं कि अलग-अलग धाराओं में अलग-अलग अधिनियम और दंड हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बीएनएस की धारा 213 क्या कहती है, अगर नहीं तो आइए जानते हैं। बीएनएस (BNS) की धारा 214,  किसी लोक सेवक द्वारा जवाब देने की पेशकश से संबंधित है। यदि अगर लोक सेवक द्वारा कुछ पूछा जा रहा है. और आप उसे छिपाने की कोशिश कर रहे है।

उदहारण के लिए मान लीजिए कि आयकर विभाग का एक अधिकारी, जो एक लोक सेवक है, किसी व्यक्ति से उसके वित्तीय लेनदेन के बारे में सवाल पूछता है, और वह व्यक्ति सत्य उत्तर देने के लिए कानूनी रूप से बाध्य है, लेकिन उत्तर देने से इनकार कर देता है। ऐसे में, उस व्यक्ति को धारा 214 BNS के तहत दंडित किया जा सकता है। 

बीएनएस धारा 214 की महतवपूर्ण बातें 

  • अपराध की प्रकृति – किसी व्यक्ति द्वारा अपने कानूनी अधिकारों का प्रयोग करने के लिए अधिकृत किसी लोक सेवक द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देने से इनकार करना।
  • दंड – छह महीने तक का साधारण कारावास, या ₹5,000 तक का जुर्माना, या दोनों।
  • यह धारा यह सुनिश्चित करती है कि लोग न्याय प्रक्रिया में बाधा न डालें और लोक सेवकों (Public servants) के साथ सहयोग करें।
  • कानूनी दायित्व – यह उन व्यक्तियों पर लागू होता है जो कानूनी रूप से प्रश्नों का उत्तर देने के लिए बाध्य हैं।

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बीएनएस धारा 214 की और सजा

इसके अलवा आपको बता दें कि BNS  की धारा (Section) 214 के तहत दोषी पाए जाने पर सजा का प्रावधान है कि, धारा 214 में इस प्रकार के दंड (Punishment)  का प्रावधान है। यदि दी गई झूठी जानकारी किसी सामान्य विषय से संबंधित है, तो दोषी व्यक्ति को छह महीने तक के साधारण कारावास (Imprisonment), ₹5000 तक के जुर्माने, या दोनों से दंडित किया जा सकता है।

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