Polluted pond water enters Dalit Basti: बिहार (Bihar) के लखीसराय (Lakhisarai) से एक हैरान और परेशान करने वाली खबर सामने आई है. जहाँ नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नंबर 18 की दलित बस्ती में पानी भर जाने की वजह से दलित समुदाय (Dalit Community) को रोजमर्रा की सुविधाओ के लिए झुझना पड़ रहा है. इतना ही नहीं मनुवादियों के पानी निकासी की जगह भी बंद कर दी है. कई बार नगर परिषद में शिकायत करने के बावजूद भी चीजो को अनदेखा किया जा रहा है. जिस कारण दलित सुमदाय पलायन करने को मजबूर हो रहा है. तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते हैं.
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पलायन करने को मजबूर दलित समुदाय
बिहार (Bihar) में दलित समुदाय की दुर्दशा आज भी वैसी ही है जैसी सदियों पहले थी. आज भी दलित समुदाय को बुनियादी सुविधाओं अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. आज भी दलितों की ज़मीनी हक़ीक़त कुछ और ही है, जिस पर न तो सरकार और न ही प्रशासन का ध्यान है. इस कारण उन्हें कई बार पलायन करना पड़ता है. ऐसी ही एक खबर बिहार की दलित बस्ती से सामने आई है. जहाँ दलित बस्तियों की हालत बद से बदतर होती जा रही है.
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घरो के अन्दर घुस रहा पानी
एक तरफ विधानसभा चुनावों से पहले पार्टियां दलित वोटर्स से लुभावने वादे कर रही है, वहीं दूसरी ओर बिहार के तमाम हिस्सो में लोगों की जिंदगी नारकीय हो चली है. दरअसल, लखीसराय के नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नंबर 18 के नेरी गांव में दलितो की स्थिति काफी चिंताजनक है. दरअसल, इस गांव में पास के तालाब का गंदा पानी घुस गया और कई घर डूब गए हैं. गांव के मनुवादी जमींदारों ने पानी निकलने का रास्ता भी रोक दिया है, जिससे दलितों को अपनी बस्ती से पलायन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है.
शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
दलित समुदाय के लोगों का कहना है कि इसे लेकर नगर परिषद में कई बार अर्जी दी गई लेकिन उनके कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है. हर साल की यही स्थिति है. दलितों के घरों में 2-2 फीट तक पानी लंबे समय से भरा हुआ है. जलजमाव से जनजीवन अस्त व्यस्त है और बीमारी फैलने का खतरा बढ़ते जा रहा है. लेकिन न तो इस मामले पर सरकार एक्शन ले रही है और न ही स्थानीय प्रशासन की ओर से कदम उठाए जा रहे हैं.