Caste Discrimination: राजस्थान के चुरू से इंसानियत को शर्मशार करने वाली एक कहबर सामने आई है। जहाँ एक युवक को मंदिर में कुछ दबंग युवको ने प्रवेश नहीं करने दिया। जब युवक ने किसी तरह से मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश करी तो दबंगों ने युवक की लाठी-डंडे से बेरहमी से पिटाई कर दी और जब इतने से उनका मन नहीं भरा तो उन्होंने दलित युवक को जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया। किसी तरह जान बचाकर युवक ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। जिसके बाद से पुलिस मामले की जाँच में जुटी हुयी है। तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में विस्तार से बातते हैं।
दलितों के प्रवेश से मंदिर अपवित्र
आज आज़ादी मिलने के बाद भी कई राज्यों में उंच जाति के लोग दलितों को मंदिर में प्रवेश नहीं करने देते हैं। अगर गलती से दलित मंदिर में प्रवेश कर ले तो उनके साथ मारपीट कर दी जाति है। ऐसा ही दलित उत्पीड़न का एक ममला राजस्थान की चूरू जिले सामने आया है। जहां एक दलित को मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश बेहद ही भारी पड़ी। दबंगो ने उसे सूचक गालियां देते हुए यह तक कहा गया कि अगर उसके कदम मंदिर में पड़ जाते तो मंदिर अशुद्ध हो जाता। दिल को झकझोर देने वाली ये घटना चूरू जिले में भानीपुरा पुलिस थाना क्षेत्र के साडासर गांव की है।
सोशल मीडिया वीडियो वायरल
जहां ठाकुरजी के मंदिर का एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है जिसमें साफ देखा जा सकता है कि कैसे कुछ लोगों को मंदिर में प्रवेश करने से रोक जा रहा है। दरअसल ये युवक दलित समाज से है, मंदिर में प्रवेश न करने देने को लेकर दलित समाज ने भानीपुरा थाना में FIR दर्ज कराई और इस पर जल्द कार्रवाई के लिए थाने के बाहर प्रदर्शन भी किया। दरअसल दलित समाज से आने वाले 19 साल के दलित युवक कानाराम मेघवाल ने बताया कि गांव में भागवत चल रहा था, जिसके समापन के बाद कथावाचक के साथ शोभायात्रा निकालकर ठाकुरजी मंदिर पहुंचे थे।
नवरात्रि में दलितों को स्पेशल प्रसाद!
राजस्थान के चुरू जिले में दलितों को मंदिर में प्रवेश से रोका गया। विरोध करने पर उन्हें पीटा भी गया।
दलित मंदिर में दर्शन करने गए थे। उन्हें मन भरकर प्रसाद मिल गया। कुत्ता भी जहां अपमानित होता है, वहां दुबारा नहीं जाता लेकिन दलित कब समझेंगे? pic.twitter.com/W90b8x9i64
— Suraj Kumar Bauddh (@SurajKrBauddh) September 23, 2025
मंदिर में प्रवेश करने पर दलित युवक की पिटाई
लेकिन उन्हें और उनके साथियों संदीप, मुकेश, विष्णु और कालूराम को मंदिर में प्रवेश से पहले ही रोक लिया और उनकी जाति का हवाला देकर मंदिर में जाने भी दिया। जब कानाराम ने जवाब दिया कि मंदिर सभी का है और उन्हें भी दर्शन करने का अधिकार है, तो आरोपियों ने गुस्से में आकर कानाराम को पीटना शुरू कर दिया और वो फर्श पर गिर गया इतना ही नहीं विरोध करने आर दलित युवकों को जातिसूचक गालियां दी और लाठी डंडों से पीटा भी। जिसके बाद कानाराम ने स्थानीय थाने में जाकर गांव के सुरजदास स्वामी, शंकरलाल, हिम्मत कुमार व अनिल के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
वही गाँव के दलित युवकों ने कहा कि ऊंची जाति के लोग कह रहे थे कि अगर दलित मंदिर में प्रवेश करेंगे तो मंदिर अशुद्ध हो जाएगा। कालूराम ने बताया कि कथावाचक, संत शंकरदास ने सभी से मंदिर में आने का आग्रह किया था। वह मंदिर की ओर बढ़े, लेकिन दूसरे समुदाय के लोगों ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया और कहा कि वे मंदिर को अपवित्र कर देंगे। जब वह अंदर गए, तो उन पर हमला कर दिया गया। हैरानी की बात है कि 21वी सदी के भी लोगों की मानसिकता इतनी विकृत है। ये समझना थोड़ा मुश्किल है कि मंदिर की पवित्रता किस आधार पर तय की जाती है।