Dalit youth beaten up: हाल ही में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Khiri) से एक सनसनीखेज मामला सामने आया। मनुवादी मानसिकता वाले कुछ लोगों ने एक दलित युवक की बेरहमी से पिटाई की और उसे जातिसूचक गालियाँ दीं। पीड़ित बाद में स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराने गया, लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया। नौ दिन बाद पुलिस ने आखिरकार मामला दर्ज किया। तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते हैं।
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नौ दिन बाद पुलिस ने किया मामला दर्ज
जब भी हम दलितों के हितों की बात करते है तो वो चर्चा वाकई में किस टॉपिक पर होनी चाहिए, इसके आधार कभी तय नहीं किया जाता, और शायद कभी किया भी नहीं जाएगा। क्योंकि दलित के हित के लिए सबसे बड़ा कदम है उन्हें जातिवाद भेदभाव की बेरी से आजाद करना लेकिन सदियों से चली आ रही है ये मनुवादी सोच आज भी बेडियो में बंधी हुयी है और यही कारण है कि आज भी दलितों के साथ मारपीट जैसी घटनाये रोज होती है.
ऐसा ही दलित उत्पीड़न की एक खबर यूपी (Uttar Pradesh) के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Khiri) से है, यूपी में जातिवादी दबंगों को साथ देने के लिए यहां की पुलिस भी कोई कसर नहीं छोड़ती जिसका उदाहरण लखीमपुर खीरी के बिचपरी गांव में देखने को मिला। जहां एक दलित युवक के साथ मारपीट करने के खिलाफ मामले को दर्ज करने के लिए 9 दिन का टाइम लग गया।
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विरोध करने पर लाठी डंडो से पीटा
दरअसल बीते 15 सितंबर को एक दलित किसान गुरु प्रसाद हिंसक पशुओ से बचने के लिए अपने घर के बाहर लौहे की तार खींच रहे थे, तभी उसके पड़ोस में रहने वाले मलिक, शिवम और मूलचंद वहां पहुंचे और उसे जातिसूचक गालियां देते हुए तार को खींच कर तोड़ दिया। जब दलित युवक ने इसका विरोध किया तो दबंगो ने उसे लाठी डंडो से बुरी तरह से पीटा।
इस घटना के खिलाफ जब गुरु प्रसाद एफआईआर दर्ज करानी चाही तो पुलिस वालो ने उससे भी इंकार कर दिया। दलित किसान ने सीओ अरूण कुमार सिंह से अर्जी लगाई तो 9 दिनों के बाद मामला दर्ज किया गया। फिलहाल आरोपी फरार है। हैरानी की बात है कि यूपी में खुद आरोपियों की संरक्षण पुलिस वाले ही कर रहे है तो कैसे दलितों को न्याय मिलेगा।