क्या कहती है BNS की धारा 217, जानें इससे जुड़ी सबसे महत्वपूर्ण बातें

BNS Section 217 In Hindi,
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BNS Section 217 in Hindi: भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 217  के अनुसार, उस व्यक्ति से संबंधित है जो किसी लोक सेवक को झूठी या गलत जानकारी देता है, जिससे लोक सेवक अपनी वैध शक्तियों का दुरुपयोग करता है और किसी अन्य व्यक्ति को नुकसान, चोट या परेशानी पहुँचाता है। इस अपराध के लिए एक वर्ष तक की कैद, ₹10,000 तक का जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं। तो चलिए आपको इस लेख में बताते हैं कि ऐसा करने पर कितने साल की सजा का प्रावधान है और बीएनएस (Bhaarateey dand sanhita) में व्यभिचार के बारे में क्या कहा गया है।

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धारा 217 क्या कहती है? BNS Section 217 in Hindi

जैसा कि आप जानते हैं कि अलग-अलग धाराओं में अलग-अलग अधिनियम और दंड हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बीएनएस की धारा 217 क्या कहती है, अगर नहीं तो आइए जानते हैं। बीएनएस (BNS) की धारा 217, के अनुसार,  यह धारा व्यक्तियों को व्यक्तिगत लाभ या प्रतिशोध के लिए कानूनी प्रक्रियाओं का दुरुपयोग करने से रोकती है। यह सुनिश्चित करती है कि लोक सेवक सच्चाई और ईमानदारी से कार्य करें, जिससे न्यायपालिका में विश्वास बना रहे।
यह धारा व्यक्तियों को गलत जानकारी देने के गंभीर परिणामों के प्रति आगाह करती है और जवाबदेही निर्धारित करती है।

यदि कोई व्यक्ति अपने सहकर्मी से बदला लेने के लिए मानव संसाधन विभाग को यह झूठी सूचना देता है कि सहकर्मी सामान चुरा रहा है, तो इसे धारा 217 के अंतर्गत अपराध माना जाएगा, जिससे सहकर्मी को तनाव और प्रतिष्ठा की हानि हो सकती है।

बीएनएस धारा 217 की महतवपूर्ण बातें 

  • झूठी जानकारी देना – यह धारा किसी व्यक्ति द्वारा किसी लोक सेवक को झूठी या गलत जानकारी देने के कृत्य को अपराध बनाती है।
  • जानबूझकर किया गया कार्य – जानकारी जानबूझकर दी जानी चाहिए, अर्थात व्यक्ति को पता हो कि जानकारी झूठी है।
  • किसी अन्य व्यक्ति को नुकसान पहुँचाने का इरादा – जानकारी देने का प्राथमिक उद्देश्य लोक सेवक की शक्ति का दुरुपयोग करके किसी अन्य व्यक्ति को नुकसान पहुँचाना है।
  • दुरुपयोग का परिणाम – लोक सेवक को झूठी जानकारी के आधार पर ऐसी कार्रवाई करनी चाहिए जिससे किसी अन्य व्यक्ति को नुकसान या असुविधा हो।

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बीएनएस धारा 217 की और सजा

इसके अलवा आपको बता दें कि BNS  की धारा (Section) 216 के तहत दोषी पाए जाने पर सजा का प्रावधान है कि, धारा 217 में इस प्रकार के दंड (Punishment)  का प्रावधान है। यदि दी गई झूठी जानकारी किसी सामान्य विषय से संबंधित है, तो दोषी व्यक्ति को छह महीने तक के साधारण कारावास (Imprisonment), ₹3000 तक के जुर्माने, या दोनों से दंडित किया जा सकता है।

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