Rajasthan: बच्चों के भविष्य के लिए कालबेलिया समाज ने उठाया बड़ा कदम, खोला अपना स्कूल

Rajasthan news, Kalbeliya community school
Source: Google

Rajasthan News: राजस्थान के कुछ हिस्सों में कालबेलिया समुदाय के बच्चों के साथ स्कूलों में भेदभाव की खबरें सामने आई हैं। इससे परेशान होकर कालबेलिया समुदाय के लोगों ने खुद का स्कूल खोलने का फैसला किया है। जहाँ हर समाज के बच्चे पढ़ सकते है। तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में बताते है।

और पढ़े : Rajasthan: 4 थाने फोर्स की सुरक्षा में निकली दलित दूल्हे की बारात, घोड़ी पर नहीं बैठने की मिली थी धमकी

जानें क्या है पूरा मामला ?  

कालबेलिया समुदाय को कुछ लोग निचली जाति का मानते हैं, जिसके चलते उनके बच्चों के साथ स्कूलों में भेदभाव किया जाता है। कई बार कालबेलिया समुदाय के बच्चों को अन्य बच्चों के साथ खेलने या बातचीत करने से रोका जाता है। कुछ मामलों में शिक्षकों द्वारा भी कालबेलिया समुदाय के बच्चों के साथ दुर्व्यवहार की शिकायतें मिली हैं। वही पुष्कर के खानाबदोश कालबेलिया समुदाय के परिवारों ने रेत के टीलों में अपना स्कूल खोल लिया है। एक कमरे में चलने वाले इस स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए अलग से शिक्षक भी हैं।

दरअसल यह स्कूल बच्चों में पैदा हो रही हीन भावना के कारण खोला गया है। यह स्कूल एक छोटे से कमरे में खोला गया है जहाँ बच्चों को भले ही बुनियादी सुविधाएँ न मिल रही हों लेकिन इस छोटे से कमरे में 70 बच्चे बिना किसी हीन भावना के पूरी लगन से एक साथ पढ़ते हैं। इस स्कूल में पुष्कर से दो शिक्षक आकर बच्चों को पढ़ाते हैं। बदले में समाज के लोग उन्हें वेतन देते हैं।

और पढ़े : Rajasthan news: शिक्षक की हैवानियत: दलित छात्र को पानी पीने पर सड़क पर पीटा

खुद का स्कूल खोलने का कारण

खानाबदोश कहलाने वाले कालबेलिया समुदाय के लोग अपने नृत्य कौशल के लिए मशहूर हैं। लेकिन समय के साथ इस समुदाय के लोग भी विकास की मुख्यधारा से जुड़ना चाहते हैं। वे अपना खानाबदोश जीवन छोड़कर एक जगह स्थायी रूप से बसना चाहते हैं। इस समुदाय के लोगों ने बताया कि वे अपने बच्चों को उच्च शिक्षा देकर अच्छा इंसान बनाना चाहते हैं ताकि उनके बच्चे भी उच्च स्तर की जिंदगी जी सकें। जिस कारण उन्होंने एक स्कूल बनाया जिसमें 70 बच्चे एक साथ पढ़ते हैं ताकि उन्हें सरकारी और निजी स्कूलों में दाखिला मिल सके और उन्हें ताने, डांट और भेदभाव का सामना न करना पड़े।

कौन हैं कालबेलिया?

कालबेलिया, राजस्थान के आदिवासी समूहों में से एक है। ये लोग सांपों से जुड़े काम करते हैं और सांपों का नृत्य भी करते हैं। कालबेलिया समाज को अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिला है।  कालबेलिया जनजाति की सबसे ज़्यादा आबादी राजस्थान के पाली ज़िले में है, इसके बाद अजमेर, चित्तौड़गढ़, उदयपुर और बाड़मेर का स्थान आता है। यह एक खानाबदोश समूह है। प्राचीन समय में ये लोग खानाबदोश जीवन जीते थे। इनका पारंपरिक पेशा साँपों के करतब दिखाकर जीविकोपार्जन करना है। महिलाएँ भी नृत्य करती हैं, इसीलिए इस लोकनृत्य का स्वरूप और इसे करने वाले कलाकारों की वेशभूषा में साँपों से जुड़ी चीज़ें झलकती हैं। कालबेलिया लोकनृत्य भी काफ़ी पसंद किया जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *