क्या कहती है BNS की धारा 112,जानें महत्वपूर्ण बातें

BNS Section 112, BNS Section 112 in Hindi
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BNS Section 112 in Hindi:  बीएनएस की धारा 112 भारतीय न्याय संहिता  “छोटे संगठित अपराध” को ऐसे अवैध कृत्यों के रूप में परिभाषित करता है जो अकेले व्यक्तियों द्वारा या किसी समूह या गिरोह के हिस्से के रूप में किए जाते हैं। इन अपराधों में चोरी, छीना-झपटी, अनधिकृत सट्टेबाजी और इसी तरह के अन्य अपराध शामिल हैं। ऐसे अपराध करने की सज़ा में एक से सात साल की कैद और जुर्माना शामिल है। तो चलिए जानते  हैं ऐसा करने पर कितने साल की सजा का प्रावधान है और बीएनएस में व्यभिचार के बारे में क्या कहा गया है।

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धारा 112 क्या कहती है? BNS Section 112 in Hindi

भारतीय न्यायिक संहिता बीएनएस (BNS) की धारा 112 यह धारा उन अपराधों से संबंधित है जो संगठित हैं, लेकिन प्रकृति या पैमाने में धारा 111 में वर्णित प्रमुख संगठित अपराधों की तुलना में छोटे हैं। इसमें गैरकानूनी कार्य शामिल हैं जो किसी व्यक्ति या समूह द्वारा मिलकर किए जाते हैं, लेकिन जिनमें हिंसा, धमकी या जबरदस्ती का व्यापक और नियमित उपयोग शामिल नहीं होता है।

धारा 112 ‘छोटे संगठित अपराध’ को ऐसे किसी भी कृत्य के रूप में परिभाषित करती है जो संगठित अपराध की श्रेणी में आता है, लेकिन धारा 111 की परिभाषा के अनुरूप नहीं है। इसमें मुख्य रूप से वे गतिविधियां शामिल हैं जो वित्तीय या अन्य लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से की जाती हैं, लेकिन जिनमें धारा 111 जैसे गंभीर अपराधों की संगति या दायरा नहीं होता है।

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बीएनएस धारा 112 के उदाहरण

बीएनएस धारा 111 के कुछ उदाहरण 1 – इसमें टिकटों की अनधिकृत बिक्री, सार्वजनिक परीक्षा के प्रश्नपत्रों का अनाधिकृत प्रकाशन या बिक्री, लॉटरी या जुआ चलाना जैसे कार्य शामिल हो सकते हैं। साइबर अपराध के कुछ छोटे मामले भी इसके अंतर्गत आ सकते हैं।

उदाहरण 2 – सार्वजनिक परीक्षा के प्रश्नपत्रों का अनधिकृत प्रकाशन या बिक्री: अगर कोई गिरोह सार्वजनिक परीक्षा के प्रश्नपत्रों को लीक करके बेचता है, तो वह भी इस धारा के अंतर्गत आ सकता है। इसी तरह, बिना लाइसेंस के संगठित लॉटरी या जुआ चलाना, जिसमें लोगों को ठगा जा रहा हो, इस धारा का उल्लंघन हो सकता है।

जानिए बीएनएस धारा 112 सजा का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 112 के तहत, यदि कोई व्यक्ति कोई छोटा-मोटा संगठित अपराध करता है या करने का प्रयास करता है, तो उसे कम से कम एक वर्ष के कारावास की सजा दी जाएगी, जिसे सात वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, और उसे जुर्माना भी देना होगा।

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