Paryagraj news: हाल ही में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जहाँ दर्शकों से फिल्म “फुले” का रिव्यू लेने आए एक दलित पत्रकार की पीवीआर कर्मियों ने पिटाई कर दी और इसका वीडियो भी वायरल हो गया है। यह घटना निश्चित रूप से चिंताजनक है और इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। तो चलिए इस लेख में आपको पूरे मामले के बारे में बताते हैं।
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पीवीआर कर्मचारियों ने की पत्रकार के साथ मारपीट
देश में दलितों के साथ अत्याचार कोई आम बात नहीं है अक्सर देश के कोने से खबर सामने आती रहती है वही एक बार फिर प्रयागराज से ऐसा ही मामला सामने आया है जहाँ दलित पत्रकार के साथ मारपीट की गयी है दरअसल, पिछले मंगलवार को दोपहर करीब ढाई बजे प्रयागराज के पीवीआर सिनेमा के कैंपस में अपना यूट्यूब चैनल भीमराज दस्तक चलाने वाले संजय अंबेडकर पहुंचे। सिनेमा हॉल में फुले फिल्म चल रही थी, लेकिन फिल्म का कोई पोस्टर या विज्ञापन नहीं दिख रहा था। संजय उत्सुकता से वहां मौजूद दर्शकों से बात करना चाहते थे, लेकिन पीवीआर के कर्मचारी उन्हें रोकने लगे।
लेकिन जब लोगों ने उनकी राय पूछना बंद नहीं किया तो उन्होंने पत्रकार की पिटाई शुरू कर दी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संजय अंबेडकर ने कहा, “वहां हम दो लोग थे: मैं और मेरा दोस्त रवि। जब पीवीआर कर्मचारियों ने रवि कुमार को पकड़ा तो मैं जोर से चिल्लाया, ‘तुम लोग उसे क्यों पकड़ रहे हो?’ जब मैंने उनका विरोध किया तो उन्होंने मेरा पीछा किया और मुझे भी पीटा। हमें तीसरी मंजिल पर ले जाया गया और गाली-गलौज की गई। हमें बेरहमी से पीटा गया। किसी तरह मैं वहां से अपनी जान बचाकर भागा।”
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पीवीआर कर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज
आपको बता दें, घटना के वायरल वीडियो के बारे में डीसीपी प्रयागराज सिटी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर बुधवार को जानकारी साझा की गई। इसमें कहा गया, “इस मामले से संबंधित प्राप्त शिकायत के आधार पर थाना सिविल लाइंस में सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है, तथा आगे की विधिक कार्यवाही जारी है।”
वही पत्रकार संजय के साथी रवि कुमार द्वारा दिए गए शिकायती पत्र के आधार पर पुलिस ने बुधवार को पीवीआर के अज्ञात कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। इन कर्मचारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 115 (2), 352, 351 (2), 351 (3), 309 (4) के तहत कार्रवाई की गई है, साथ ही अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम) 1989 के प्रावधानों को भी लागू किया गया है।