BNS Section 119 in Hindi: भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 119 में चोट पहुंचाने का मुख्य उद्देश्य संपत्ति या मूल्यवान प्रतिभूति छीनना या कोई अवैध कार्य करने के लिए मजबूर करना। तो चलिए जानते हैं ऐसा करने पर कितने साल की सजा का प्रावधान है और बीएनएस में व्यभिचार के बारे में क्या कहा गया है।
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धारा 119 क्या कहती है? BNS Section 119 in Hindi
भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 119 संपत्ति हड़पने या कोई गैरकानूनी कार्य करने के लिए मजबूर करने के लिए स्वेच्छा से चोट या गंभीर चोट पहुँचाने से संबंधित है। यह धारा उन व्यक्तियों को दंडित करती है जो संपत्ति, कीमती सामान हड़पने या किसी व्यक्ति को चोट पहुँचाकर या गंभीर चोट पहुँचाकर कोई गैरकानूनी कार्य करने के लिए मजबूर करने का प्रयास करते हैं।
आपको बता दें, यदि कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति को उसकी संपत्ति या कीमती सामान छीनने या उसे कोई गैरकानूनी काम करने के लिए मजबूर करने के इरादे से चोट पहुंचाता है, तो उसे 10 साल तक की कैद और जुर्माने की सजा हो सकती है। यह अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती है। इस पर प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा मुकदमा चलाया जा सकता है।
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बीएनएस धारा 119 की मुख्य बातें
- इस धारा के तहत अपराध तब माना जाता है जब चोट पहुंचाने का मुख्य उद्देश्य संपत्ति हड़पना या किसी को अवैध काम करने के लिए मजबूर करना हो।
- चोट चाहे साधारण हो या गंभीर, दोनों ही स्थितियों में अलग-अलग सजा का प्रावधान है। गंभीर चोट के मामलों में सजा अधिक कड़ी होती है।
- यह धारा शारीरिक हिंसा के जरिए जबरन वसूली या अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देने के प्रयासों को रोकने के लिए बनाई गई है।
बीएनएस धारा 119 उदाहरण
बीएनएस धारा 119 उदाहरण कुछ इस तरह से है कि…जैसे रमेश सुरेश का पड़ोसी है। रमेश को पता चलता है कि सुरेश के पास कुछ कीमती सोने के आभूषण हैं। रमेश सुरेश के घर में घुस जाता है और उसे धक्का देकर नीचे गिरा देता है, जिससे सुरेश को मामूली चोटें आती हैं। इसके बाद रमेश सुरेश को धमकाता है और उससे सोने के आभूषण छीन लेता है।
इस मामले में, रमेश ने स्वेच्छा से सुरेश को चोट पहुंचाई (उसे धक्का देकर नीचे गिरा दिया) और ऐसा सुरेश से संपत्ति (सोने के आभूषण) छीनने के लिए किया। इसलिए, रमेश पर बीएनएस की धारा 119(1) के तहत आरोप लगाया जा सकता है।
जानिए बीएनएस धारा 119 सजा का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 119 के तहत मिलाने वाली सजा कुछ इस तरह से है कि…धारा 119 के तहत अपराध की गंभीरता के आधार पर सज़ा तय की जाती है। साधारण चोट पहुँचाने पर कम सज़ा और गंभीर चोट पहुँचाने पर ज़्यादा सज़ा का प्रावधान है, जिसमें आजीवन कारावास भी शामिल हो सकता है। इसके अलावा दोनों मामलों में जुर्माना भी लगाया जा सकता है।