Dalits in Kerala: घिनौनी केरल पुलिस! थाने में दलित महिला के कपड़े उतरवाए, पानी मांगा तो शौचालय का पानी पिला दिया

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Kerala news: हाल ही में केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम से मानवता को शर्मसार करने वाली एक खबर सामने आई है, जहां चोरी की झूठी शिकायत के सिलसिले में हिरासत में ली गई 39 वर्षीय दलित महिला को भयंकर उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते हैं।

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दलित महिला के साथ अत्याचार

देश में दलित महिलाओं पर अत्याचार अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। दलित महिलाएं अक्सर किसी न किसी घटना का शिकार होती रहती हैं। ऐसा ही एक मामला फिर सामने आया है जहां केरल पुलिस ने चोरी की झूठी शिकायत के सिलसिले में एक दलित महिला को हिरासत में लिया और थाने में उसके साथ मारपीट की। दरअसल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिंदु नाम की महिला को लगभग 20 घंटे तक स्टेशन पर रखा गया था। उसने आरोप लगाया कि उसे खाना और पानी नहीं दिया गया और जब उसने पानी मांगा, तो एक पुलिस अधिकारी ने उसे शौचालय से पानी पीने के लिए कहा।

उसने यह भी आरोप लगाया कि उसके साथ गाली-गलौज की गई और पुलिस ने उसे धमकी दी कि अगर उसने अपना अपराध कबूल नहीं किया तो वे उसकी किशोर बेटियों को झूठे मामले में फंसा देंगे। मीडिया से बात करते हुए बिंदु ने कहा कि एक महिला पुलिस अधिकारी ने तलाशी लेने के लिए उसके कपड़े भी उतरवाए जिसके बाद महिला अधिकारियों ने उसकी तलाशी ली। महिला ने कहा कि जब शिकायतकर्ता ने बाद में पुलिस को बताया कि उनके घर से गायब सोना बरामद कर लिया गया है, तब भी पुलिस ने उसे परेशान करना जारी रखा।

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पीड़िता ने मुख्यमंत्री कार्यालय और राज्य पुलिस से संपर्क किया

पीड़िता ने मुख्यमंत्री कार्यालय और राज्य पुलिस से संपर्क किया पीड़िता ने कथित तौर पर रिहाई के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय और राज्य पुलिस प्रमुख के पास शिकायत दर्ज कराई। जबकि उसने मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव पी. शशि को एक लिखित शिकायत सौंपी, उसका दावा है कि सचिव ने न तो शिकायत पढ़ी और न ही कोई आश्वासन दिया। बिंदु ने कहा, “उन्होंने कहा कि ऐसी चीजें होती हैं और मुझे अदालत जाने की सलाह दी।”

हालांकि, बाद में सीएमओ ने मामले को स्पष्ट किया और मामले की जांच के आदेश दिए और जांच लंबित रहने तक एक सब-इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया। इस घटना की व्यापक रूप से निंदा की गई है, विपक्षी दलों ने इसमें शामिल सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। केरल राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी घटना का स्वत: संज्ञान लिया है और उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है।

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