BNS section 135: अगर कोई आपको जबरन बंधक बना ले या कैद कर ले तो आरोपी पर इस धारा के तहत होती है कार्रवाई

BNS Section 135, BNS Section 135 in Hindi
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BNS Section 135 in Hindi: भारतीय न्याय संहिता (BNS) धारा 135 किसी व्यक्ति को गलत तरीके से बंधक बनाने या बंधक बनाने के लिए आपराधिक बल का प्रयोग करने के बारे में है। अगर कोई व्यक्ति किसी पर हमला करता है या उसके खिलाफ आपराधिक बल का प्रयोग करता है, तो वह इस धारा के तहत दंडनीय है। तो चलिए जानते  हैं ऐसा करने पर कितने साल की सजा का प्रावधान है और बीएनएस में व्यभिचार के बारे में क्या कहा गया है।

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धारा 135 क्या कहती है? BNS Section 135 in Hindi

भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 135 किसी व्यक्ति को गलत तरीके से बंधक बनाने या बंधक बनाने के प्रयास में उस पर हमला करने या आपराधिक बल का प्रयोग करने से संबंधित है। यह धारा मानव स्वतंत्रता के उल्लंघन को रोकने और ऐसे अपराधियों को दंडित करने के उद्देश्य से लागू की गई है।

बीएनएस धारा 135 की मुख्य बातें

  • अपराध: इस धारा के तहत अपराध तब होता है जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को उसकी इच्छा के विरुद्ध किसी स्थान पर बंधक बनाने का प्रयास करता है, और इस प्रयास में उस पर हमला करता है या आपराधिक बल का प्रयोग करता है।
  • गलत तरीके से बंधक बनाना: इसका अर्थ है किसी व्यक्ति की आवाजाही को अवैध रूप से प्रतिबंधित करना, उसे कुछ सीमाओं के भीतर रखना और उसे भागने नहीं देना।
  • हमला या आपराधिक बल का प्रयोग: इसमें तत्काल हिंसा का भय पैदा करने वाले शारीरिक कृत्य या धमकियाँ शामिल हैं।
  • आपको बता दें, यह धारा न केवल सफल बंधक बनाने को दंडित करती है, बल्कि गलत तरीके से बंधक बनाने के प्रयास को भी दंडनीय बनाती है, भले ही व्यक्ति को अंततः कैद न किया जाए या वह भागने में सफल हो जाए। यह एक संज्ञेय अपराध है, जिसका अर्थ है कि पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती है। यह एक जमानती अपराध भी है, जिसका अर्थ है कि आरोपी को जमानत मिल सकती है।

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बीएनएस धारा 135 उदाहरण 

बीएनएस (BNS) धारा 135 उदाहरण कुछ इस तरह से है कि…उदाहरण 1– शारीरिक बल का प्रयोग करके बंधक बनाने का प्रयास

जैसे राहुल पर साहिल का कुछ पैसा बकाया था जिसे साहिल चुका नहीं रहा था। एक दिन राहुल साहिल से उसके घर पर मिलता है। जब साहिल जाने की कोशिश करता है, तो राहुल उसे पकड़ लेता है और पैसे वापस करने के लिए उसे जबरन एक कमरे में बंधक बनाने की कोशिश करता है। साहिल किसी तरह राहुल के चंगुल से बच निकलता है। वही भले ही साहिल को बंधक नहीं बनाया गया था, लेकिन राहुल ने उसे गलत तरीके से बंधक बनाने के प्रयास में उस पर हमला किया (उसे पकड़ लिया और कमरे में धकेलने की कोशिश की)। राहुल को बीएनएस धारा 135 के तहत दोषी ठहराया जा सकता है।

आपको बता दें, इस धारा की तहत मिलने वाला दंड कुछ इस प्रकार से है कि धारा 135 बीएनएस के तहत दोषी पाए जाने पर अपराधी को एक वर्ष तक कारावास, पांच हजार रुपये तक का जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है।

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