Dalit CMO Kanpur: हाल ही में उत्तर प्रदेश के कानपुर से मामला सामने आया है जहाँ कानपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. हरिदत्त नेमी को निलंबित किए जाने के बाद उन्होंने कानपुर के जिलाधिकारी (DM) जितेंद्र प्रताप सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। यह मामला पिछले कुछ समय से सुर्खियों में है और इसमें कई गंभीर आरोप-प्रत्यारोप शामिल हैं। तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे विस्तार से बताते है।
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CMO का निलंबन
हाल ही में बीते गुरुवार राज्य सरकार ने गुरुवार 19 जून 2025 को डॉ. हरिदत्त नेमी को सीएमओ (CMO) पद से हटा दिया। सरकार ने उन्हें लखनऊ के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय से जोड़ने का फैसला किया है। पद से हटने के तुरंत बाद डॉ. नेमी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और मुख्यमंत्री को एक चिट्ठी भेजी। एक चिट्ठी में उन्होंने डीएम (DM) जितेंद्र प्रताप सिंह पर विभिन्न आरोप लगाए। जहाँ सीएमओ (CMO) ने बताया कि डीएम उनसे पैसे की मांग करते थे और गलत काम करने के लिए उन्हें मजबूर करते थे। उन्होंने कहा कि डीएम (DM) ने उन पर एक कंपनी (जेएम फार्मा) को 1.6 करोड़ रुपये से ज्यादा देने का रिसावा कर ट्रेक किया था। उसी कंपनी पर सीबीआई (CBI) ने आरोपपत्र दाखिल किया था। वही डॉ. नेमी ने इस मांग को ठुकरा दिया।
ऑडियो क्लिप और आरोप
डीएम (DM) और सीएमओ (CMO) के बीच टकराव की शुरुआत फरवरी 2025 में तब हुई जब डीएम ने सीएमओ कार्यालय का औचक निरीक्षण किया और 34 कर्मचारियों को अनुपस्थित पाया। इसके बाद डीएम ने सीएमओ को फटकार लगाई और उनके वेतन में कटौती करने का आदेश दिया। इसके बाद दोनों अधिकारियों के बीच तनाव बढ़ गया और एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार और अनुशासनहीनता के आरोप लगने लगे। वही जब CMO डॉ. हरिदत्त नेमी की आवाज वाले कुछ ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विवाद बढ़ गया। लोगों का दावा है कि इन क्लिप में डीएम के बारे में अनुचित बातें और पैसों के लेन-देन की चर्चा है।
डीएम ने इन ऑडियो क्लिप के बारे में सीएमओ से सवाल किए। सीएमओ ने कहा कि ये क्लिप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) द्वारा बनाई गई हैं और उन्होंने खुद को निर्दोष बताया। डीएम को सीएमओ का जवाब पसंद नहीं आया, इसलिए उन्होंने सीएमओ को बैठक से बाहर भेज दिया।
जातिगत अपमान का आरोप
वही डॉ. नेमी ने यह भी आरोप लगाया है कि वो DM उन्हें “मंदबुद्धि दलित” कहकर अपमानित करते थे और उन्हें दलित होने के कारण प्रताड़ित किया गया। उन्होंने बताया कि DM ने कहा “तुम्हें पैसा कमाना नहीं आता है।” DM पर भ्रष्ट अधिकारियों और फर्मों को बचाने की साजिश रचने का भी उन्होंने आरोप लगाया। Dr. नेमी ने भी बताया कि DM उनसे कुछ खास लोगों और ठेकों में मदद चाहते थे।
आपको बता दें, इस विवाद ने न केवल राजनेताओं को दो दुश्मनों की तरह दिखाया बल्कि उन्होंने इस मुद्दे को एक राजनीतिक भंवर में बदल भी दिया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कुछ विधायकों और विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सीएमओ के पक्ष में पैरवी की थी, जिससे पार्टी के भीतर भी मतभेद पैदा हो गए थे। सीएमओके निलंबन के बाद समाजवादी पार्टी और कांग्रेस जैसे विपक्षी दलों ने इसे ‘दलित सीएमओ’ के ख़िलाफ़ कार्रवाई बताते हुए सरकार पर हमला बोला है और इस मुद्दे पर राजनीतिगरमा गई है। दलित वोट बैंक को लुभाने की कोशिशें देखी जा रही हैं।
DM की प्रतिक्रिया
डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने सीएमओ के आरोपों को “निराधार” करार देते हुए कहा है कि किसी अधिकारी के निलंबन आदेश की सार्वजनिक रूप से आलोचना करना और सहकर्मियों पर निराधार आरोप लगाना घोर अनुशासनहीनता है। उन्होंने सीएमओ पर लापरवाही, गैरपेशेवर आचरण और सरकारी आदेशों का पालन न करने का भी आरोप लगाया है। इसके अलवा आपको बता दें कि यह मामला अभी जांच के दायरे में है और देखना यह है कि यह आगे क्या मोड़ लेता है।