Andhra Pradesh Crime News: हाल ही में आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले के पुट्टपर्थी से एक शर्मनाक खबर सामने आई है जिसमें एक नाबालिग दलित लड़की से 14 लोगों द्वारा दो साल तक दोस्ती करने का मामला सामने आया है। जिसके बाद इस घटना की पुलिस जांच में कई गंभीर खुलासे हुए हैं। इसलिए इस लेख में आपको पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताया गया है।
14 लोगों ने दो साल तक किया दलित नाबालिग का बलात्कार
आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले के पुट्टपर्थी में नाबालिग दलित लड़की से बलात्कार का मामला सामने आया है। पुलिस रिमांड रिपोर्ट में 17 आरोपियों के नाम हैं। इनमें से 14 ने कथित तौर पर लड़की के साथ करीब दो साल तक बलात्कार किया, जबकि तीन अन्य (जिसमें एक नाबालिग सहपाठी भी शामिल है) पर अधिकारियों को सूचना न देने का आरोप है। सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तार लोगों में तीन नाबालिग और 18 से 51 साल की उम्र के 14 पुरुष शामिल हैं। वही मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट इस बात की पुष्टि करती हैं कि कैसे इस मामले में न केवल घोर लापरवाही बरती गई बल्कि कैसे एक प्रभावशाली समुदाय के लोगों ने व्यवस्था की अनदेखी की और नाबालिग लड़की की कम उम्र, गरीबी और अनुसूचित जाति से होने के कारण लंबे समय तक उसका यौन शोषण किया।
कैसे किया दलित किशोरी का यौन शोषण
यह सब तब शुरू हुआ जब लड़की 13 साल की थी और 8वीं क्लास में पढ़ती थी। पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक, उसके पिता की तीन साल पहले मौत हो गई थी। उसकी मां कर्नाटक बॉर्डर के पास एक गांव में रहने चली गई। पुलिस के मुताबिक, आरोपियों में से एक ने लड़की और दलित समुदाय की उसकी सहपाठी को स्कूल के बाद अकेले बैठे देखा और उनकी तस्वीरें खींच लीं। इन तस्वीरों और वीडियो का इस्तेमाल कर उसने लड़की को ब्लैकमेल किया और यौन शोषण का सिलसिला शुरू हो गया, जिसके बाद दो मुख्य आरोपियों ने पहले लड़की को अपनी मांगों के आगे झुकाया और उसके साथ बलात्कार किया। जिसके बाद लड़की के साथ दरिंदगी का यह सिलसिला दो साल तक चलता रहा।
कानून सिस्टम की विफलता
इस मामले की जांच में उन प्रणालियों की विफलता भी सामने आई है, जिन्हें लड़की जैसे कमजोर लोगों की रक्षा के लिए डिज़ाइन किया गया था। लड़की एक अकेली मां की बेटी है, गरीबी से जूझ रही है, और अनुसूचित जाति (मादिगा) समुदाय से है।
पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि लड़की के कक्षा 10 के शिक्षकों ने उसकी अनुपस्थिति की सूचना क्यों नहीं दी या उसने स्कूल जाना क्यों बंद कर दिया। समुदाय के नेताओं द्वारा मामले को दबाने का प्रयास लेकिन जब मामला प्रकाश में आया, तो बोया समुदाय के नेताओं ने कथित तौर पर लड़की की उसके एससी सहपाठी से शादी करवाकर मामले को दबाने की कोशिश की। समुदाय के नेताओं द्वारा मामले को दबाने का प्रयास: जब मामला प्रकाश में आया, तो बोया समुदाय के नेताओं ने कथित तौर पर लड़की की उसके एससी सहपाठी से शादी करवाकर मामले को दबाने की कोशिश की।
POCSO और IT एक्ट के तहत मामले दर्ज
आपको बता दें कि आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम और सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम की धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। इसके अलावा, 15 वर्षीय पीड़िता अब लगभग 8 महीने की गर्भवती है और अस्पताल में भर्ती है। डॉक्टरों ने उसकी डिलीवरी की तारीख 21 जुलाई के बाद तय की है। पुलिस ने उसे डिलीवरी तक अस्पताल में रखने का फैसला किया है, क्योंकि उसे वापस घर भेजना “जोखिम भरा” माना गया है। पुलिस का मानना है कि आरोपी जेल में रहते हुए भी किसी तरह पीड़िता पर केस वापस लेने का दबाव बना सकते हैं। दलित होने के कारण वह और उसकी माँ कमज़ोर हैं और उन पर दबाव बनाया जा सकता है। अस्पताल के सूत्रों के अनुसार, पीड़िता में खून की कमी भी पाई गई है और वह डिप्रेशन से भी पीड़ित है।