छतरपुर में दलित परिवार का सनसनीखेज आरोप: जबरन करवाया धर्म परिवर्तन, देवी-देवताओं की तस्वीर हटाई, बाइबिल थमाई!

Chhatarpur News, Religion change case
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Shocking Allegation: हाल ही में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छतरपुर (Chhatarpur) जिले से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जहां एक दलित परिवार ने जबरन धर्म परिवर्तन का सनसनीखेज आरोप लगाया है। परिवार का कहना है कि उन्हें लालच और धमकी देकर ईसाई धर्म (Christian) अपनाने के लिए मजबूर किया गया। तो चलिए इस लेख में आपको पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते हैं।

दलित परिवार का आरोप

साधु-संन्यासियों द्वारा लगातार हिंदू राष्ट्र (Hindu Nation) बनाने की मांग की जा रही है। बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से दूसरे धर्मों में धर्मांतरण कर चुके लोगों को सनातन धर्म से जोड़ा जा रहा है और हिंदू राष्ट्र की पुरजोर मांग उठाई जा रही है। लेकिन इसके बावजूद धर्मांतरण नहीं रुक रहा है। तो चलिए आज हम आपको ऐसे ही एक मामले के बारे में बताते हैं जहां मध्य प्रदेश के छतरपुर में एक दलित हिंदू परिवार को जबरन ईसाई धर्म में धर्मांतरित किया जा रहा है, इतना ही नहीं उनके घर में स्थापित भगवान की मूर्तियां भी हटा दी गई हैं और उन्हें बाइबिल थमा दी गई है।

दरअसल यह मामला मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छतरपुर (Chhatarpur) शहर के सटई रोड छुई खांड इलाके का है। शहर के सटई रोड छुई खांड इलाके में रहने वाले एक दलित परिवार (Dalit Family) ने ईसाई मिशनरियों (Christian Missionaries) से जुड़े लोगों पर ईसाई धर्म अपनाने का लालच देने का गंभीर आरोप लगाया है। पीड़ित परिवार ने पुलिस अधीक्षक और सिविल लाइंस थाने में शिकायती आवेदन देकर बताया है कि एक परिवार पिछले छह महीने से उन पर ईसाई धर्म अपनाने का दबाव बना रहा है। आरोप है कि इस दौरान उन्हें नकदी, बाइबिल, प्रभु यीशु की तस्वीर और अन्य सुविधाओं का लालच दिया गया। पीड़ित ने यह भी खुलासा किया कि उनके इलाके में चार लोग पहले ही ईसाई धर्म अपना चुके हैं।

बजरंग दल ने भी कड़ा विरोध

इस मामले में बजरंग दल ने भी कड़ा विरोध जताते हुए आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। आवेदन देने आए वार्ड क्रमांक 21 छाई खंड साईं रोड छतरपुर निवासी भय पुत्र बरवा बंसल ने बताया कि वह दलित हिंदू परिवार से है और नगर परिषद छतरपुर में सफाई कर्मचारी वाहन चालक के पद पर कार्यरत है। उसने बताया कि छह माह पहले उसकी जान-पहचान प्रेमवती मांझी डेविड उर्फ ​​मौसी, उसकी बेटी नीलम मांझी डेविड, बेटा संजय मांझी डेविड और संजय की पत्नी से हुई थी। यह लोग साईं रोड पर गुरु कृपा मार्बल के सामने रहते हैं।

भोपाल में नौकरी देने का लालच

भय बंसल के मुताबिक इन लोगों ने उससे दलित परिवारों की जानकारी मांगी और गरीबी का हवाला देते हुए 25 किलो गेहूं और एक डिब्बा खाने का तेल भी दिया। वह लोग दबाव बना रहे हैं कि अभी क्यों नहीं करना चाहते हो। यह पैसे हमने तुम्हें दिए हैं और आगे भी देंगे। इसके बाद रविवार 15 जून 2025 को सुबह 10:00 बजे ये चारों लोग उसके घर आए और उसे ईसाई धर्म की पुस्तक, बाइबल, प्रभु यीशु की तस्वीर और ₹3000 का लिफाफा देकर हिंदू धर्म की मूर्तियां और तस्वीरें हटाने को कहा। इसके बाद उस पर हर रविवार को बस स्टैंड स्थित चर्च में प्रार्थना के लिए आने का दबाव भी बनाया गया।

आरोप है कि इन लोगों ने धमकी दी कि अगर वह चर्च नहीं गया तो प्रभु यीशु नाराज हो जाएंगे और उसके घर में अनिष्ट हो जाएगा। भय बंसल ने बताया कि एक अखबार में धर्मांतरण से जुड़ी खबर पढ़ने के बाद उसे साजिश का अहसास हुआ और उसने हिंदू धर्म छोड़ने से इनकार कर दिया। पीड़ित परिवार ने बताया कि संजय मांझी डेविड और उनकी पत्नी भोपाल में रहते हैं और ईसाई मिशनरी का काम करते हैं। उनका छतरपुर में लगातार आना जाना रहता है।

भय बंसल ने बताया कि इन लोगों ने उन्हें भोपाल में नौकरी और अन्य सुविधाएं दिलाने का लालच भी दिया। उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके इलाके के चार लोग पहले से ही उनके प्रभाव में आकर धर्म परिवर्तन कर चुके हैं। वही इलाके में रहने वाले और लोगो ने भी मीडिया रिपोर्टर्स को बताया कि कुछ समय के लिए वह भी उनके प्रभाव में आ गए थे और चर्च गए थे। जहां उन्हें ईसाई मान्यताओं के अनुसार प्रार्थना करना सिखाया गया।

तंग आकर करवाई शिकायत दर्ज

हालांकि इसके बाद पीड़िता की तबीयत खराब हो गई, जिसके बाद उसने उनकी बात मानने से इनकार कर दिया। अब ये लोग लगातार उस पर दबाव बना रहे हैं और उसे प्रलोभन भी दे रहे हैं। जिसके बाद तंग आकर भैया ने स्थानीय थाने में जाकर पूरे मामले की शिकायत दर्ज कराई और पुलिस से मांग की कि प्रेमवती मांझी डेविड, नीलम मांझी डेविड, संजय मांझी डेविड और संजय की पत्नी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाए ताकि वह अपने हिंदू धर्म में रह सके।

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