Nawabganj Gang War: हाल ही में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बरेली जिले (Bareli district) से एक हैरान कर देने वाली खबर आई है जहां नवाबगंज (Nawabganj) में सांप्रदायिक तनाव और गैंगवार हुआ है, जहां एक व्यापारी नेता राजीव गुप्ता पर हमला किया गया, वहीं दूसरी ओर डॉ. भीमराव अंबेडकर (Dr. Bhimrao Ambedkar) की मूर्ति तोड़ने के विरोध में एक दलित युवक की बेरहमी से पिटाई की गई, जिसके बाद थाना प्रभारी पर कार्रवाई की गई है। तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते हैं।
जानें क्या है पूरा मामला?
समाज में दलितों के साथ हो रहा अन्याय थमने का नाम नहीं ले रहा है। दलितों पर अत्याचार इस हद तक बढ़ गए हैं कि वे अपने घरों से बाहर निकलने से भी डरते हैं। उन्हें हमेशा डर लगा रहता है कि कहीं उनके साथ गलत व्यवहार न हो जाए, समाज में उनकी बदनामी न हो जाए या उनके साथ मारपीट न हो जाए। मारपीट का ऐसा ही मामला फिर सामने आया है जहां 20 जून की रात को अपने दोस्त कपिल शर्मा का जन्मदिन मनाने के बाद राष्ट्र जागरण उद्योग व्यापार मंडल के तहसील अध्यक्ष राजीव गुप्ता कुछ दोस्तों के साथ गर्गड्या पेट्रोल पंप के पास स्थित एक ढाबे पर चाय पी रहे थे। उनके साथ आशीष गुप्ता, सोनू राठौर और अनिल गुप्ता भी मौजूद थे।
उसी समय हाफिजगंज थाना (Hafizganj Police Station) क्षेत्र के सुड़ियावा गांव (Sudiyawa Village) निवासी दिनेश गंगवार और औरंगाबाद निवासी सूरज गंगवार अपने तीन-चार साथियों के साथ वहां पहुंचे और अचानक हमला कर दिया। हमले में राजीव गुप्ता को गंभीर चोटें आईं। जब उनके साथियों ने उन्हें बचाने का प्रयास किया तो हमलावर उनके साथ भी मारपीट शुरू कर दी। वही पास में एक विधायक के गनमैन ने कुछ नहीं किया, बस वीडियो बनाता रहा। जिसके बाद राजीव गुप्ता ने इस हमले के आरोपियों के खिलाफ स्थनीय थाने में जाकर शिकायत दर्ज करवाई।
और पढ़े: क्या कहती है BNS की धारा 150, जानें इससे जुड़ी सबसे महत्वपूर्ण बातें
अंबेडकर प्रतिमा तोड़ने से भड़का दलित आक्रोश
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बरेली (Bareli) के नवाबगंज थाना क्षेत्र (Nawabganj Police Station Area) के गंगापुर में डॉ. भीमराव अंबेडकर (Dr. Bhimrao Ambedkar) की मूर्ति तोड़े जाने के बाद तनाव और पथराव की खबरें हैं, जिसके बाद पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। दरअसल, बुधवार रात तीन युवकों ने ग्राम समाज की जमीन पर स्थापित डॉ. भीमराव अंबेडकर (Dr. Bhimrao Ambedkar) की मूर्ति को क्षतिग्रस्त कर दिया था। जिसके बाद अगले दिन यानी गुरुवार की सुबह जैसे ही मूर्ति तोड़े जाने की खबर फैली तो बड़ी संख्या में बाबा साहेब (Baba Saheb)के अनुयायी गांव में इकट्ठा हो गए और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
गौरतलब है कि एक महीने पहले यह मूर्ति बिना प्रशासनिक अनुमति के ग्राम समाज की जमीन पर स्थापित की गई थी, जिसे लेकर पहले से ही विवाद चल रहा था। किसी तरह मौके पर पहुची पुलिस, पुलिस ने भीड़ को समझाकर स्थिति को काबू किया। वही गंगवार समुदाय के कुछ लोगों ने बाबा साहब की प्रतिमा तोड़ने के शक में एक दलित युवक की पिटाई कर दी और इतना ही नहीं उसे जातिसूचक गालियां देने के बाद जान से मारने की धमकी दी। गांव निवासी ताराचंद्र की शिकायत पर पुलिस ने पांच आरोपियों को हिरासत में लिया है। इस घटना से इलाके में तनाव और बढ़ गया है, जिसे देखते हुए पुलिस बल की अतिरिक्त तैनाती की गई है।