Ayodhya News: हाल ही में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अयोध्या (Ayodhya) से एक हैरान कर देने वाली खबर आई है, जहां दलित बस्ती के सार्वजनिक रास्ते को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि द्वारा लगाया गया गेट जिलाधिकारी (District Magistrate) के आदेश के बाद भी नहीं हटाया गया है। तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते है।
जानें क्या है पूरा मामला?
कभी ज़मीनी असमानता तो कभी ज़मीनी विवाद के चलते दलितों पर अत्याचार हद से ज़्यादा बढ़ गए हैं। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अयोध्या (Ayodhya) के हैदरगंज (Haiderganj) के मैहर कबीरपुर महादेवा (Maihar Kabirpur Mahadeva) में दलित बस्ती (Dalit Basti) के सार्वजनिक रास्ते पर विवाद का है। दरअसल, जिलाधिकारी के आदेश के बाद भी ग्राम प्रधान प्रतिनिधि (District Magistrate) द्वारा लगाया गया गेट नहीं हटाया गया है।
जिसके बाद एक दलित परिवार शिवपूजन, नेता, बलई, दिनेश कुमार, मित्रता ने ग्रेड को लेकर याचिका दायर की है। उन्होंने प्रधान रचना पर आरोप लगाया है। दोनों ने ही अपनी पत्रिका में सार्वजनिक रास्ते को शामिल कर लोहे का गेट लगा दिया है। इस रास्ते पर ग्राम निधि से लाखों रुपए खर्च करके इंटरलॉकिंग कराई गई है।
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दलितों का प्रदर्शन
इस विवादित घटना को लेकर हैदरगंज पुलिस (Haiderganj Police) ने राजस्व प्रशासन (Revenue Administration) के साथ मिलकर पहले भी गेट हटवाया था। लेकिन कुछ समय बाद फिर गेट लगा दिया गया। इसके विरोध में पीड़ितों ने तिकुनिया पार्क (Tikunia Park) में धरना दिया। वही बसपा (BSP) के जिला अध्यक्ष कृष्ण कुमार पासी और गोसाईगंज विधानसभा अध्यक्ष (speaker of the assembly) रविंद्र भारती ने जिलाधिकारी (District Magistrate) से मुलाकात की। उन्होंने पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग की। जिसके बाद अधिकारियों के आश्वासन पर धरना समाप्त हुआ। आपको बता दें, पर कई दिन बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे स्थानीय और जिले के बसपा नेताओं में रोष है।