Top 5 Dalit News : Brutality with Dalit Sikh in Punjab, Beard and Moustache forcibly shaved

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Dalit Trending News:  दलित समाज को प्रताड़ित करने का मौका ठाकुर लोग ढूंढ ही लेते है। दलितों की बारात में घोड़ी पर भारत निकालने पर ठाकुरों के व्यवहार की खबरें तो आती रहती हैं लेकिन अब तो मनुवादी सोच के लोगों ने बाबा साहब का गाना बजाने को भी गुनाह बना दिया है। राजनीतिक रोटियां सेंकने की लिए बाबा साहब के नाम का गुण वाले, इन नकली अंबेडकरवादियों की सच्चाई से पर्दा उठाएंगे तो वहीं, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे मुहीम से देश की बेटी को आगे बढ़ाने की बात की जाती है लेकिन यहां आज भी गर्भवती दलित महिलाएं पैदल घंटों चलने के लिए मजबूर हैं, क्या है पूरा मामला जानेंगे सब कुछ, लेकिन यूपी से एक 8 साल के दलित बच्चे के साथ आखिर ऐसा क्या हुआ कि उसके शव पेड़ पर लटका मिला, क्या 8 साल का बच्चा आत्महत्या कर सकता है वो भी पेड़ से लटक कर। तो वहीं पंजाब में भी दलितों की हालत कुछ खास ठीक नहीं है। जहां एक गरीब दलित व्यक्ति को न केवल पीटा गया बल्कि उसे आधा नंगा करके पूरे गांव में भी घुमाया गया। आखिर क्यों किया गया ऐसा… इसके बारे में भी चर्चा करेंगे.. तो वहीं कमजोर कानून के खिलाफ आंध्र प्रदेश में किसान क्यों उतरें सड़को पर… सब कुछ जानेंगे, विस्तार से। Top 5 Dalit News

दलितों की बारात में बाबा साहब का गाना बजाने पर हंगामा

उत्तर प्रदेश में दलितों के साथ अत्याचार करने का, उन्हें खुश देख कर उनकी खुशियों को भंग करने का, उन्हें प्रताड़ित करने का कोई न कोई तरीका उच्च जाति वाले ढूंढ ही लेते है। अब तक दलितों की बारात में दूल्हे के घोड़ी चढ़ने पर बबाल करने वाले ये सो कोल्ड मनुवाद की बीमारी से ग्रसित ठाकुरों को तो अब बाबा साहब अंबेडकर के लिए बजाए गए गाने से भी परेशानी होने लगी है। जी हां, मथुरा के डहरुआ गांव में दलित जाटव समुदाय द्वारा बारात में लगाए गए डीजे पर बाबा साहब का गाना बजाया गया, फिर क्या था ये उच्च जाति के लोगों को नागवार गुजरा और उन्होंने उसे बंद करने को लेकर मारपीट शुरू कर दी। ठाकुरों ने ईंट पत्थर फेंकने शुरू कर दिया। जिसमें कई लोग घायल हो गए। हालांकि मौके पर पुलिस पहुंच गई और इस लड़ाई को शांत कराया। पुलिस ने अपना मौजूदगी में ही बारात निकलवाई। पुलिस का कहना है कि दो लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है लेकिन असल में वो दोनों कौन है इसका खुलासा नहीं हुआ है। फिलहाल इसकी जांच जारी है।

सरकार की अनदेखी- कच्ची सड़क पर चलने को मजबूर गर्भवती महिला

सरकार ने बेटियों को बचाने के लिए कई योजनाएं चलाई हैं लेकिन ऐसा लगता है कि जैसे इन बेटियों में दलित समाज की बेटियां नहीं गिनी जाती है। एक ऐसी दिल को झकझोर देने वाला वीडियो आया है जहां गर्भवती होने के बावजूद भी स्वास्थ्य केंद्र जाने के लिए कई किलोमीटर चलना पड़ा रहा है। ये वीडियो बूंदी का है जहां कुछ महिलाएं कच्ची और कीचड़ से भरी सड़क पर चल रही है। और गर्भवती महिला दर्द से न केवल तड़प रही है बल्कि फूट फूट कर रो रही है। अब अगर ऐसे में इस महिला को अस्पताल पहुंचने ने देरी होती है, और महिला के साथ कुछ भी अनहोनी होती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। क्या दलित समाज के लोगों की जिंदगी की कोई वैल्यू नहीं है। आप हमें कमेंट करके बताइए।

लखीमपुर में बबूल के पेड़ से लटका मिला 8 साल का मासूस

अगली खबर यूपी के लखीमपुर की है। जहां से बहुत दर्दनाक खबर सामने आई है। एक 8 साल का मासूम दलित बच्चे का शव बबूल के पेड़ से लटका मिला। बच्चे के शरीर पर गंभीर मारपीट के चोट के निशान थे तो वहीं उसके कपड़े भी फटे थे। बच्चे के पिता ने झंडी चौक के इंचार्ज पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उसने उनके दुश्मनों से 5 लाख रुपए घूस लेकर बच्चे को मारा है। बच्चे देर शाम चारा लेने गया था लेकिन लौटी तो केवल उसकी लाश। इस मामले में भीम आर्मी चीफ चन्द्र शेखर आजाद रावण ने उत्तर प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए दलित परिवार को राहत देते हुए सहायता देने की मांग की है तो वही इस मामले की जांच के लिए हाइ कोर्ट के सिटिंग जज की मांग की है। अब सवाल ये है कि 8 साल का बच्चा तो पेड़ से लटक कर खुदकुशी नहीं करेगा। हैरानी की बात है समाज में जातिगत भेदभाव इस कदर व्याप्त हो चुका है कि लोग मासूम बच्चों से दुश्मनी निकालने लगे हैं।

लुधियाना में एक सिख दलित की कांटी दाढ़ी-मूंछ

अगली खबर पंजाब के लुधियाना से है, जहां किसी युवक ने भागकर एक ऊंची जाति की लड़की से शादी कर ली लेकिन उसकी सजा भुगती उसके दोस्त ने। जी हां, ये घटना लुधियाना के सीधा गांव की है। पीड़ित का नाम हरजोत है। पुलिस के मुताबिक हरजोत के दोस्त ने 19 जून को भागकर शादी कर ली थी जिससे गांव में लोग काफी नाराज़ थे। लेकिन अचानक एक पिछले मंगलवार को एक सैलून में पीड़ित को पकड़कर जबरन उसके साथ मारपीट की गई और उसकी दाढ़ी और मूंछ मुंडवा दी गई। हमलावरों को शक था कि लड़की को भागने में हरजोत ने भी अपने दोस्त की मदद की है।  इस घटना से दलित समाज में काफी रोष है। पुलिस ने अब तक इस मामले में सिमरनजीत नाम के एक सख्श को गिरफ्तार किया है और बाकियों की तलाश जारी है। पुलिस का कहना है दबंगों की इसी हरकत सिख समुदाय के मानवीय गरिमा के खिलाफ है।

आंध्र प्रदेश में जमीन के लिए सड़क पर उतरे किसान

तो वहीं ऐसा लगता है जैसे अब दलितों की बस्ती पर भी सरकार का ध्यान जाने लगा है। या ये कहे कि केवल ये वोटबैंक का खेल है। लेकिन अब दलितों ने भी अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाना शुरू कर दिया है। जी हां, आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम ने 16 किसानों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ये मामला अनकापल्ले जिले के गरनिकम राजस्व गांव का है। जहां 16 दलित किसानों के परिवार ने  land records में होने वाले  errors के कारण उन्हें farmer welfare schemes न मिलने के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अरअसल सरकार की तरफ से दलित किसान को 20 एकड़ जमीन तो दे दी गई लेकिन जब किसानों ने उसमें खेती करनी शुरु कर दी तो जगन्ना सस्विता भूहक्कु-भू रक्षा योजना के कारण जो सर्वे दोबारा हुआ उसमें वेबलैंड रिकॉर्ड में फिर से सरकारी जमीन घोषित कर दिया गया, जिससे उनके अधिकार उस जमीन से चले गए। दलित किसानों ने मांग की है कि उन दस्तावेजों को ठीक करें और जमीन उनके नाम पर किए जायें। दलित परिवारों का कहना है कि जिले के राजस्व अधिकारियों ने जानबूझ कर उनकी जमीन के अधिकार के साथ हेरफेर की है जिसमें स्थानीय लोग भी शामिल है। इस घटना के बाद किसान लगातार जांच की मांग कर रहे है। अब ऐसे में देखना ये होगा कि क्या दलित किसानों की गुहार सरकार तक जाती है, या केवल दलित होने के कारण किसान फिर से भूमिहीन हो जायेंगे।

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