BNS Section 161 in Hindi: भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 161 भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 161 सेना, नौसेना या वायु सेना के किसी भी अधिकारी द्वारा, चाहे वह सैनिक, नाविक या वायुसैनिक हो, (Army, Navy or Air Force, whether a soldier, sailor or airman) अपने वरिष्ठ अधिकारी पर उस समय हमला करने से संबंधित है, जब वरिष्ठ अधिकारी अपने पद का प्रयोग कर रहा हो। तो चलिए आपको इस लेख में बताते हैं कि ऐसा करने पर कितने साल की सजा का प्रावधान है और बीएनएस में व्यभिचार के बारे में क्या कहा गया है।
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धारा 161 क्या कहती है? BNS Section 161 in Hindi
यह धारा उस व्यक्ति को दंडित करती है जो भारत सरकार की सेना, नौसेना या वायु सेना के किसी अधिकारी, सैनिक, नाविक या वायुसैनिक को अपने वरिष्ठ अधिकारी पर हमला करने के लिए उकसाता है, जबकि वरिष्ठ अधिकारी ड्यूटी पर है। यह एक संज्ञेय अपराध है, जिसका अर्थ है कि पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तारी कर सकती है।
यह एक गैर-जमानती अपराध है, जिसमें बरी होने की कोई गारंटी नहीं है। वही इसकी सुनवाई प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है। अधिकारियों की सुरक्षा और सैन्य प्रशिक्षण के अधिकार को बनाए रखना महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करता है कि ऐसे कृत्यों को भड़काने वाले किसी भी व्यक्ति को कड़ी सजा मिले।
बीएनएस धारा 161 की मुख्य बातें
पुलिस को गवाहों के बयान दर्ज करने का अधिकार – यह धारा पुलिस अधिकारियों को किसी मामले की जाँच के दौरान गवाहों से पूछताछ करने और उनके बयान दर्ज करने का अधिकार देती है।
बयान की प्रकृति – इन बयानों को अक्सर “धारा 161 के बयान” कहा जाता है। ये बयान लिखित रूप में दर्ज किए जाते हैं, लेकिन इनके लिए गवाह के हस्ताक्षर की आवश्यकता नहीं होती (सीआरपीसी की धारा 162 के तहत)।
विलंब का महत्व – सर्वोच्च न्यायालय के हालिया निर्णयों के अनुसार, इन बयानों को दर्ज करने में किसी भी अनुचित देरी को संदिग्ध माना जा सकता है, जब तक कि जाँच अधिकारी (आईओ) द्वारा देरी का कोई उचित कारण न बताया गया हो।
साक्ष्य के रूप में उपयोग – इन बयानों का उपयोग अदालत में गवाह के साक्ष्य की विश्वसनीयता की जाँच के लिए किया जा सकता है। हालाँकि, यह सीधे तौर पर मुख्य साक्ष्य नहीं बन जाता।
अधिकार और दायित्व – गवाह अधिकारी द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देने के लिए बाध्य है, सिवाय उन प्रश्नों के जिनके उत्तर देने से उस पर आपराधिक आरोप, दंड या ज़ब्ती का खतरा हो सकता है।
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बीएनएस धारा 161 उदाहरण – BNS Section 161 Example
बीएनएस (BNS) धारा 161 उदाहरण कुछ इस तरह से है कि…उदाहरण 1 – यदि कोई नागरिक या कनिष्ठ अधिकारी किसी सेना के जवान को उसके वरिष्ठ अधिकारी पर हमला करने के लिए उकसाता है, जबकि वरिष्ठ अधिकारी ड्यूटी पर है, तो उकसाने वाले व्यक्ति पर बीएनएस की धारा 161 के तहत मुकदमा चलाया जाएगा।
इसके अलवा आपको बता दें कि धारा 161 के तहत दोषी पाए जाने पर सजा का प्रावधान है कि इस धारा के तहत दोषी पाए जाने पर अपराधी को किसी भी प्रकार के कारावास से दंडित किया जा सकता है, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक बढ़ सकती है। इसके साथ ही, उस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।