विवादास्पद संपत्ति की कुर्की और रिसीवर की नियुक्ति: बीएनएस 2023 की धारा 165 का विश्लेषण

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BNS Section 165 in Hindi: भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 165 यह विवादित संपत्ति को कुर्क करने और एक रिसीवर नियुक्त करने की मजिस्ट्रेट की शक्ति से संबंधित है। इसका मुख्य उद्देश्य संपत्ति के संबंध में शांति भंग होने से रोकना है। तो चलिए आपको इस लेख में बताते  हैं कि ऐसा करने पर कितने साल की सजा का प्रावधान है और बीएनएस में व्यभिचार के बारे में क्या कहा गया है।

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धारा 165 क्या कहती है? BNS Section 165 in Hindi

यदि किसी संपत्ति के कब्जे को लेकर विवाद है और मजिस्ट्रेट (Magistrate) को लगता है कि इससे शांति भंग हो सकती है, तो वह संपत्ति को जब्त करने का आदेश दे सकता है। मजिस्ट्रेट विवादित संपत्ति के प्रबंधन के लिए एक रिसीवर (जैसे, कोई सरकारी अधिकारी) नियुक्त कर सकता है। धारा 165 का मुख्य उद्देश्य संपत्ति विवादों को हिंसा में बदलने से रोकना है। रिसीवर की नियुक्ति तब तक जारी रहती है जब तक कि एक सक्षम सिविल कोर्ट (Competent civil court) संपत्ति के असली मालिक का फैसला नहीं कर देता।

बीएनएस धारा 165 की मुख्य बातें

  • इस धारा का मुख्य उद्देश्य भूमि या जल से संबंधित विवादों के कारण शांति भंग होने से रोकना है। जब विवादित संपत्ति कुर्क की जाती है और एक रिसीवर नियुक्त किया जाता है, तो यह सुनिश्चित होता है कि विवाद के दौरान संपत्ति को कोई नुकसान न हो और कानून-व्यवस्था बनी रहे।
  • यह एक अंतरिम उपाय है जो सिविल न्यायालय द्वारा अंतिम निर्णय लिए जाने तक स्थिति को स्थिर रखता है। मजिस्ट्रेट का अधिकार क्षेत्र सिविल न्यायालय से कम होता है, और सिविल न्यायालय द्वारा मामले को अपने हाथ में लेने के बाद मजिस्ट्रेट की भूमिका समाप्त हो जाती है।
  • रिसीवर की नियुक्ति विवादित संपत्ति के उचित रखरखाव और प्रबंधन को सुनिश्चित करती है, जिससे किसी भी पक्ष को अनावश्यक नुकसान से बचाया जा सकता है। यह धारा विवादित संपत्ति से संबंधित मामलों में मजिस्ट्रेट और सिविल न्यायालय की भूमिकाओं को स्पष्ट करती है, जिससे न्यायिक प्रक्रिया में दक्षता आती है।

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बीएनएस धारा 165 उदाहरण – BNS Section 165 Example

बीएनएस (BNS) धारा 165 उदाहरण कुछ इस तरह से है कि…उदाहरण 1 –कृषि भूमि पर कब्जे को लेकर विवाद एक गाँव में दो किसान ‘A’ और ‘B’ हैं जिनके खेत एक-दूसरे से सटे हुए हैं। ‘A’ का दावा है कि ‘B’ ने उसके खेत के एक हिस्से पर अतिक्रमण कर लिया है और उस पर फसल बो रहा है। ‘B’ का कहना है कि यह ज़मीन हमेशा से उसकी थी और ‘A’ ही अतिक्रमण कर रहा है। इस विवाद के कारण, दोनों पक्षों के बीच अक्सर झगड़े होते रहते हैं और स्थिति इतनी तनावपूर्ण हो गई है कि शांति भंग होने की गंभीर संभावना है।

इसके अलवा आपको बता दें कि धारा 165 के तहत दोषी पाए जाने पर सजा का प्रावधान है कि इस धारा के तहत दोषी पाए जाने पर अपराधी को किसी भी प्रकार के कारावास से दंडित किया जा सकता है, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक बढ़ सकती है। इसके साथ ही, उस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

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