BNS Section 169 in Hindi: भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 169, जो पहले भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 171ए के अंतर्गत आती थी, चुनाव संबंधी अपराधों को परिभाषित करती है। यह धारा मुख्य रूप से चुनावों में उम्मीदवार (Candidates) और चुनावी अधिकार (Electoral rights) को परिभाषित करती है, जो चुनाव आयोग को चुनाव प्रक्रिया में अनियमितताओं पर कार्रवाई करने के लिए एक स्पष्ट कानूनी आधार प्रदान करती है। तो चलिए आपको इस लेख में बताते हैं कि ऐसा करने पर कितने साल की सजा का प्रावधान है और बीएनएस (Bhaarateey dand sanhita) में व्यभिचार के बारे में क्या कहा गया है।
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धारा 169 क्या कहती है? BNS Section 169 in Hindi
भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 169 चुनावों से संबंधित है और किसी भी व्यक्ति को रिश्वत या अन्य प्रलोभन देकर मतदान करने या चुनाव में मतदान से दूर रहने के लिए प्रभावित करना अपराध है। हालाँकि यह सीधे तौर पर चुनाव आयोग की शक्तियों को “मज़बूत” नहीं करता, लेकिन यह उन अपराधों को परिभाषित करता है जिनके संबंध में चुनाव आयोग अपनी मौजूदा शक्तियों का उपयोग करके कार्रवाई कर सकता है। यह धारा अप्रत्यक्ष रूप से चुनावी भ्रष्टाचार और अनियमितताओं (Naavi corruption and irregularities) पर नकेल कसने की चुनाव आयोग की क्षमता को मज़बूत करती है।
बीएनएस धारा 169 की मुख्य बातें
- यह धारा स्पष्ट करती है कि “उम्मीदवार” वह व्यक्ति है जिसे किसी भी चुनाव में उम्मीदवार के रूप में नामित किया जाता है। यह परिभाषा चुनाव कानूनों के अंतर्गत आने वाले व्यक्तियों को स्पष्ट करती है।
- यह धारा “चुनावी अधिकार” को परिभाषित करते हुए किसी व्यक्ति के चुनाव लड़ने, न लड़ने, उम्मीदवारी वापस लेने, मतदान करने या मतदान से दूर रहने के अधिकार को शामिल करती है। यह परिभाषा चुनावी प्रक्रिया में व्यक्तिगत अधिकारों के संरक्षण और उनके उल्लंघन के विरुद्ध कार्रवाई का आधार प्रदान करती है।
- धारा 169, चुनाव आयोग को “उम्मीदवार” और “चुनावी अधिकारों” की स्पष्ट परिभाषा प्रदान करके चुनाव संबंधी अपराधों से निपटने के लिए एक मज़बूत कानूनी आधार प्रदान करती है। इन अधिकारों के उल्लंघन की स्थिति में, आयोग के पास कार्रवाई करने के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश हैं।
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इसके अलवा आपको बता दें कि धारा 169 के तहत दोषी पाए जाने पर सजा का प्रावधान है कि इस धारा के तहत दोषी पाए जाने पर रिश्वत देने या लेने वाले व्यक्ति को एक वर्ष तक की कैद, जुर्माना, या दोनों की सजा हो सकती है.