Amethi news: हाल ही उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अमेठी (Amethi) से एक खबर सामने आई है. जहाँ बीते एक वर्ष पूर्व दलित युवक की संदिग्ध मौत के मामले में डेढ़ साल के बाद 3 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट के आर्डर पर मामला दर्ज कर किया गया है। वही पुलिस मामले की जाँच में जुट गयी है. तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते है।
और पढ़े: दलित युवक की मौत के बाद कुचामन में गुस्सा और प्रदर्शन, आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग
दलित युवक की संदिग्ध मौत
जब हम संवैधानिक ताकतो की बात करते है तो ये ताकत केवल उंची जाति वालों के लिए काम करती है, आज की स्थिति ऐसी है कि सरेआम दलितों का उत्पीड़न हो रहा है, कानूनी कार्यवाई भी होती है लेकिन असल में उन्हें कब मिलेगा, या मिलेगा भी या नहीं, ये कोई नहीं जानता है। ऐसी ही दलित उत्पीड़न की एक खबर यूपी (UP) के अमेठी (Amethi) से है, जहां एक दलित युवक की संदिग्ध मौत के मामले में डेढ़ साल के बाद 3 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कराया है।
दरअसल, ये घटना अमेठी जनपद के तिलोई क्षेत्र (Tiloi area) के चेतरा बुजुर्ग गांव (Chetra Buzurg village) की है। दरअसल बीते 2 अप्रैल 2024 को दलित युवक अमरजीत गौतम की संदिग्ध स्थिति चेतरा बुजुर्ग गांव में हुई मौत को लेकर पुलिस ने दिल का दौरा होने से हुई मौत बता कर मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया था। जबकि परिवार का कहना है कि अमरजीत का प्रेमप्रसंग चल रहा था, और इस कारण की उसकी हत्या की गई थी।
न्याय के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
वही मौत के एक हफ़्ते बाद ज़िला मजिस्ट्रेट के आदेश पर शव को निकालकर पोस्टमार्टम कराया गया। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मृत्यु का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया। जिसके बाद मृतक के परिवार ने न्याय के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। और करीब डेढ़ साल तक कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद कोर्ट ने राम कुमार जायसवाल, राम केवल मौर्य और हरिकेश पर बीएनएस (BNS) की धारा 304 और 504 के तहत केस दर्ज हुआ है। फिलहाल इनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है।
पुलिस इनकी तलाश कर रही है। और मामले की जांच कर रही है। वही इस घटना को लेकर को मृतक के पिता का कहना है कि उन्हें न्यायालय पर पूरा भरोसा है कि उनके बेटे को अब जरुर न्याय मिलेगा। लेकिन इस घटना ने एक बार फिर दलितों की सुरक्षा और न्याय पर सवाल उठा दिए है।