Azamgarh News: हाल ही में उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से एक हैरान कर देने वाली खबर आई है, जहां एक दलित परिवार पर निजी रंजिश के चलते हमला किया गया। पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। दो युवकों को हिरासत में भी लिया गया है। तो चलिए इस लेख में आपको पूरा मामला बताते हैं।
जानें क्या है पूरा मामला?
उत्तर प्रदेश में दलितों पर अत्याचार लगातार बढ़ते जा रहे हैं, कभी उन्हें साथ काम नहीं करने दिया जाता तो कभी उन्हें इलाके में रहने नहीं दिया जाता, दलित अक्सर आपसी रंजिश का शिकार होते रहे हैं, ऐसा ही एक मामला फिर सामने आया है जहां उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के जहानागंज थाना क्षेत्र के धर्मपुर असलपुर गांव में प्रधान पद की पुरानी रंजिश के चलते दलित परिवार पर जानलेवा हमला करने का मामला सामने आया है। पीड़ित मनोज कुमार ने पूर्व प्रधान मनोज पांडेय समेत पांच लोगों के खिलाफ थाने में तहरीर दी है। पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीड़ितों में से एक राम राम, उनकी मां इंद्रावती देवी वर्तमान में ग्राम प्रधान हैं। आरोपियों का आरोप है कि 3 मई को शाम करीब 4 बजे वह ग्राम प्रधान के काम के सिलसिले में गांव की ब्राह्मण बस्ती में गए थे। जब वह अनिल पांडे और मनोज पांडे के घरों के बीच वाली गली से गुजर रहे थे, उस समय उनके साथ पूर्व प्रधान मनोज पांडे ने गली में जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया।
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पीड़ित की बेटी पर हमला
उसके बाद मनोज पांडेय, चंद्रदत्त पांडेय, चेत नारायण पांडेय, सुंदरम पांडेय और अनिल पांडेय ने मिलकर प्रमोद और उनकी बेटी प्रिया पर हमला कर दिया। शिकायत में कहा गया है कि चंद्रदत्त पांडेय ने प्रमोद के सिर पर टंगिया से वार किया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। इतना ही अन्य आरोपियों ने लाठी-डंडों से प्रमोद और उनकी बेटी पर हमला किया। वही इस मामले में पुलिस अधीक्षक नगर शैलेंद्र ने बताया कि पीड़ित पक्ष की शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। जिसमे दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि अन्य तीन की तलाश जारी है।