हाल ही में उत्तर प्रदेश के बरेली से एक हैरान और परेशान करने वाली खबर आई है. जहाँ मनुवादियों ने एक दलित परिवार की झोपड़ी में आग लगा दी. इतना ही नहीं, दलित परिवार को जातिसूचक शब्दों से भी अपमानित किया गया. और तो और इन दबंगों ने पीड़ित परिवार को गाँव छोड़ने की धमकी देते हुए कहा कि अगर वे यहाँ रहे तो उनके साथ अच्छा नहीं होग. जिसके बाद से पीड़ित परिवार गाँव से पलायन करने को मजबूर है. तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते हैं.
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पलायन के लिए जबरन मजबूर दलित परिवार
दलित उत्पीड़न तो थमने का नाम ही नहीं ले रहा है बीते दिन उत्तर प्रदेश के बरेली से चौकाने वाली खबर सामने आई है, जहां दलितों को पलायन के लिए जबरन मजबूर किया जा रहा है. दरअसल, ये घटना बरेली के मीरगंज सिमरिया गांव की है, जहां कथित तौर पर दो ऊंची जाति के लोगों ने दलित बस्ती में घुसकर दलितों के घरों को आग लगा दी और उन्हें गांव छोड़ कर चले जाने की धमकी दी थी.
ये घटना 17 फरवरी की है. उन्होंने पुलिस में शिकायत की लेकिन कोई उचित समाधान नहीं निकला, जिसके बाद पीड़ित परिवार ने उच्च स्तर पर गुहार लगाई और अब कोर्ट के आदेश पर इस मामले में FIR दर्ज की गई है. पीड़ित कृष्णपाल सिंह बताते हैं कि उनके बच्चों का कुछ बड़ी जाति वालों से विवाद हो गया था, जिसके बाद से वे लोग लगातार उन्हें गांव छोड़ने के लिए प्रताड़ित करते हैं. देर रात शराब पी कर जातिसूचक गालियां देते हैं, नहीं तो दलित परिवार को जान से मारने की धमकी भी दी जाती है.
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एससी-एसटी एक्ट की तहत मामला दर्ज
इतनी प्रताड़ना के बावजूद जब दलित परिवार गांव छोड़ने को राजी नहीं हुआ तो दबंगों ने उनकी झोपड़ी में आग लगाने की कोशिश की लेकिन उनके पालतू कुत्ते के झपटने पर दबंग भाग खड़े हुए थे. आने से वो लोग डर कर भाग खड़े हुए थे. एससी-एसटी की विशेष अदालत ने 3 अगस्त को इस मामले में खुद संज्ञान लेते हुए दो आरोपी रंजीत और महेंद्र के खिलाफ कई धाराओं में मामला दर्ज करके जांच के निर्देश दिया है.
जिसमें मारपीट करने, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, जान से मारने की धमकी देने, जातिसूचक गालिंया देने के मामले में एसटी-एससी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. फिलहाल दोनो आरोपियों की खोजबीन जारी है.