Basti News: हाल ही में राजस्थान (Rajasthan) के सीकर जिले (Sikar district) के नेछवा गांव (Nechwa Village) से चौकाने वाली खबर सामने आई है जहाँ गाँव के ही कुछ दबंगों ने एक दलित परिवार की पुश्तैनी जमीन पर कब्जे कर लिया है जिसके कारण कलेक्ट्रेट (Collectorate) में एक किसान संगठन (Farmers’ Organization) द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया। तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते हैं।
दलित परिवार की जमीन पर कब्ज़ा
दलितों की जमीन (Land of Dalits) पर अतिक्रमण की खबरें दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। हर दिन किसी न किसी राज्य के किसी न किसी गांव में दलितों की जमीन पर अतिक्रमण की खबरें आती रहती हैं। कभी धोखे से जमीन हड़प ली जाती है तो कभी दलितों के साथ मारपीट कर उनकी जमीन हड़प ली जाती है। ऐसा ही एक मामला राजस्थान के सीकर से सामने आया है, जहां गांव के कुछ प्रभावशाली लोगों ने एक दलित परिवार की जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है।
जिसके कारण एक किसान संगठन (Farmers’ Organization) ने कलेक्ट्रेट (Collectorate) पर विरोध प्रदर्शन किया। मोर्चा ने मांग की कि पटवारी से भूमि का सीमांकन कराकर अतिक्रमण हटाया जाए, छोटेलाल और उसके परिवार को पुश्तैनी भूमि पर कब्जा दिलाया जाए, नामांतरण की प्रक्रिया पूरी की जाए, साथ ही इस मामले में बाधा उत्पन्न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई।
भूमि अधिग्रहण के खिलाफ़ सुरक्षा
हालांकि, उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) (जहां बस्ती स्थित है) और राजस्थान (Rajasthan) सहित भारत के विभिन्न हिस्सों में दलित समुदायों (Dalit communities) से जुड़े किसानों के विरोध और भूमि संबंधी विवादों के कई उदाहरण हैं। इन विरोधों में अक्सर उचित मुआवज़ा, भूमि अधिग्रहण के खिलाफ़ सुरक्षा और प्रभावशाली व्यक्तियों द्वारा कथित भूमि हड़पने के मुद्दों को संबोधित करने की मांग शामिल होती है।
किसान संगठनों ने ऐतिहासिक रूप से भूमि अधिग्रहण के मुद्दों, फसल की कीमतों और अन्य मांगों सहित विभिन्न कारणों से सीकर कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन किया है। वही सीकर में (फरवरी 2025) से हाल ही में आई खबरों में बताया गया है कि बिजली के निजीकरण और अन्य मांगों के खिलाफ़ किसानों ने कलेक्ट्रेट के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।