Bagpat News: हाल ही में उत्तर प्रदेश के बागपत से चौकाने वाली खबर सामने आई है। जहाँ संत रविदास मंदिर पर गुंडों द्वारा कथित कब्जे तथा दलित समुदाय द्वारा जिलाधिकारी (डीएम) को चेतावनी दिए जाने की खबर अत्यंत गंभीर एवं चिंताजनक है। यह घटना कई महत्वपूर्ण सामाजिक एवं कानूनी पहलुओं को उजागर करती है। तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे मे विस्तार से बताते है।
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जानें क्या है पूरा मामला?
बागपत के सूप गांव में 70 साल पुराने वाल्मीकि मंदिर को लेकर दलित समुदाय और कुछ प्रभावशाली लोगों के बीच विवाद गहरा गया है। दलित समुदाय के लोगों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन का नेतृत्व आजाद समाज पार्टी (काशीराम) के बागपत जिला अध्यक्ष शुभम भारती ने किया। दलित समुदाय के मुताबिक 70 साल पहले उन्हें ग्राम प्रधान से 450 गज जमीन मिली थी। उन्होंने इस जमीन पर वाल्मीकि मंदिर का निर्माण कराया था। हाल ही में आंधी के कारण मंदिर की एक दीवार गिर गई। जब वे दीवार का दोबारा निर्माण करा रहे थे तो कुछ प्रभावशाली लोगों ने काम रुकवा दिया। प्रभावशाली लोगों ने जमीन पर अपना हक जताया।
मीडिया रिपोर्ट्स ने मुताबिक, उपद्रवियों ने संत रविदास मंदिर की जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है। यह न केवल जमीन विवाद है बल्कि धार्मिक स्थल पर अतिक्रमण भी है। संत रविदास दलित समुदाय के लिए एक पूज्य संत हैं और उनका मंदिर इस समुदाय के लिए आस्था और पहचान का प्रतीक है। मंदिर पर कब्जे से दलित समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं और वे खुद को हाशिए पर महसूस करते हैं। दलित समुदाय ने डीएम को चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही कार्रवाई नहीं की गई तो वे पलायन करने को मजबूर होंगे। ‘पलायन’ की धमकी इस बात का संकेत है कि समुदाय असुरक्षित और न्याय से वंचित महसूस कर रहा है। यह एक गंभीर सामाजिक संकट का सूचक है।
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कानूनी और प्रशासनिक पहलू
मामला बढ़ते देख राजस्व विभाग की टीम मौके पर पहुंची और स्थानीय लोगों को सख्त हिदायत दी कि यदि किसी ने मंदिर परिसर में कूड़ा फेंकने की कोशिश की तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इससे मंदिर परिसर में कूड़ा फेंकने की समस्या बंद हो गई। वही प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने दबंगों के खिलाफ कार्रवाई और मंदिर की टूटी दीवार का पुनर्निर्माण कराने की मांग की है।
उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि दबंगों ने उनके साथ मारपीट की या जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया तो वे गांव छोड़ने को मजबूर हो जाएंगे। इस मामले की शिकायत बागपत के डीएम से की गई है। अधिकारियों ने मामले की जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। इस दौरान गाँव में रहने वाले सूरजपाल, सुदेश, कविता, अंजू, निशांत, जोगिंदर, प्रदीप समेत सैकड़ों लोग प्रदर्शन में शामिल रहे।