Ballia news: हाल ही में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बलिया (Ballia) जिले से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है जहां एक भाजपा नेता पर लखनऊ विश्वविद्यालय के एक दलित शोध छात्र को धमकाने और डराने का आरोप लगाया गया है, जिसके बाद उनके खिलाफ एससी/एसटी अधिनियम (Scheduled Castes and Scheduled Tribes Prevention of Atrocities) अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते है।
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भजपा नेता पर आरोप?
कई बार राजनीतिक लोकतंत्र के नेताओं द्वारा दलित शोधकर्ताओं पर अत्याचार की खबरें आती रही हैं, जिसमें कई सवाल भी उठे हैं और उनके खिलाफ मामले भी दर्ज किए गए हैं, ऐसा ही एक अनोखा मामला एक बार फिर सामने आया है, जहां एक भाजपा नेता पर एक राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के दलित शोध छात्र को धमकाने और डराने का आरोप लगाया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने कहा कि तुर्तीपार गांव के निवासी दीपक कनौजिया की शिकायत पर सोमवार देर रात उभांव थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई। दीपक कनौजिया, जो लखनऊ विश्वविद्यालय में शोध छात्र हैं, ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि भाजपा नेता आलोक सिंह ने 21 मई को उन्हें फोन किया और जातिसूचक गालियां दीं और जान से मारने की धमकी दी।
शिकायत के अनुसार, पीड़ित छात्र ने बताया की बातचीत के दौरान आलोक सिंह ने कहा, ”इसे रिकॉर्ड कर लो, मैं उत्तर प्रदेश के प्रशासन या कानून व्यवस्था से नहीं डरता।” भाजपा के बिल्थरा रोड क्षेत्र के अध्यक्ष अरुण कांत तिवारी ने पुष्टि की कि आलोक सिंह पार्टी से जुड़े हैं और नीरज शेखर के करीबी रिश्तेदार भी हैं।
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राजनितिक विवाद बना कारण
दीपक कनौजिया ने यह भी आरोप लगाया है कि आलोक सिंह का उनके परिवार से काफी समय से राजनीतिक विवाद चल रहा है। उन्होंने आशंका जताई है कि आलोक सिंह गांव में अकेली रहने वाली उनकी मां को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। दीपक के मुताबिक लगातार प्रताड़ना के चलते 31 अक्टूबर 2023 को उनके पिता कमलेश कनौजिया की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। दीपक कनौजिया की तहरीर के आधार पर पुलिस ने उभांव थाने में एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने बताया है कि रसड़ा क्षेत्राधिकारी आलोक गुप्ता द्वारा प्रारंभिक जांच की गई, जिसके आधार पर आलोक सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 352 (जानबूझकर हमला) और 351 (3) (आपराधिक धमकी) और एससी/एसटी एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।