Banka: 70 साल से सरकारी जमीन पर बसे महादलित परिवारों को बेदखली का नोटिस, पुनर्वास का सवाल

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Banka news: हाल ही में बिहार (Bihar) के बांका जिले (Banka district) से एक और चौंकाने वाली खबर आई है, जहां दलित परिवारों (Dalit Family) को हाल ही में 70 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के साथ सरकारी जमीन पर रहने के बावजूद नोटिस जारी किया गया है, जिससे उनके बेदखल होने का संकट सामने आ गया है। यह मामला बिहार सरकार की भूमि सुधार नीति और खास महाल (Khaas Mahal) की जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर उठाया गया है। तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते है।

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सरकारी जमीन खाली करने का नोटिस

बिहार के बांका जिले (Banka district) के वारकोप डेरू गांव (Workop Deru Village) में करीब दो दर्जन (24-25) भूमिहीन महादलित परिवारों को सरकारी जमीन खाली करने का नोटिस दिया गया है। शंकर दास नामक व्यक्ति की शिकायत पर सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए यह कार्रवाई की जा रही है। इसके बाद पिछले गुरुवार को परिवारों ने प्रभारी अंचलाधिकारी (Circle Officer In Charge) काजल कुमारी को आवेदन सौंपकर अपनी समस्या बताई कि उनके पास रहने के लिए बहुत कम जमीन है। इसके अलावा पीड़ित परिवारों ने मुखिया प्रतिनिधि आलोक कुमार से भी मुलाकात कर उन्हें अपनी पीड़ा से अवगत कराया। इधर, प्रभारी अंचलाधिकारी (Circle Officer In Charge) काजल कुमारी ने बताया कि डेरू गांव (Workop Deru Village) में अतिक्रमण का मामला काफी दिनों से चल रहा है।

प्रशासन की भूमिका और कार्रवाई

हाल ही में बांका जिले (Banka district) में एक दलित परिवारों (Dalit Families) को 70 साल से सरकारी भूमि पर बसे होने के बावजूद नोटिस जारी किया गया है। इससे परिवार के लोग चिंतित हैं और उन्हें प्रशासन से न्याय की उम्मीद है। प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है और परिवार से वैध दस्तावेज जमा करने को कहा है।

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खास महाल भूमि नीति क्या है?

बिहार सरकार (Bihar Government) ने खास महाल भूमि पर बसे लोगों के लिए नई नीति बनाई है। इस नीति के तहत उन लोगों को राहत दी जाएगी जो 50 से 100 साल से इस भूमि पर बसे हैं और उनके पास कोई वैध दस्तावेज नहीं है। ऐसे परिवारों को कुछ कर देकर भूमि पर रहने का अधिकार दिया जाएगा। हालांकि, अवैध रूप से कब्जा करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।

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