Barabanki News: हाल ही में उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है, जहां एक पुलिस इंस्पेक्टर पर जबरन जमीन पर कब्जा करने और धमकी देने का आरोप लगा है। इस मामले में पीड़ित पक्ष ने मंगलवार को तहसील परिसर में धरना-प्रदर्शन किया, जिससे स्थानीय प्रशासन में हड़कंप मच गया। तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में बताते हैं।
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जानें क्या है पूरा मामला?
मीडिया रिपोर्ट्स तहत मिली जानकारी के अनुसार, यह मामला बाराबंकी तहसील क्षेत्र का है। आरोप है कि एक पुलिस दारोगा द्वारा कथित तौर पर एक ग्रामीण की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है। पीड़ित परिवार का कहना है कि जब उन्होंने इस कार्रवाई का विरोध किया, तो दारोगा ने उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। दरअसल, कोठी थाने के अचका गांव निवासी गौरी रावत ने सोमवार से मुख्यमंत्री के संरक्षण में तहसील में एकबांग के खिलाफ धरना शुरू कर दिया है। पीड़ित का आरोप है कि 13 जून को बब्बन ने अपने साथियों के साथ मिलकर उसकी 45 साल पुरानी जमीन पर कब्जा कर लिया।
ग्रामीण तहसील परिसर में एकत्रित होकर धरने पर
इतना ही नहीं किसान के खेत में लगे पेड़ों को बुलडोजर से काट दिया गया और जब पीड़ित ने विरोध किया तो उसे जान से मारने की धमकी दी गई। पीड़ित ने कहा है कि जब तक जमानत के मामले की सुनवाई नहीं हो जाती और वकील से जमीन मुक्त नहीं हो जाती, तब तक वह धरना जारी रखेगा। पीड़ित के मामले की जांच के आदेश नीचे दिए गए हैं। वही सुबह से ही पीड़ित परिवार और उनके समर्थन में कई ग्रामीण तहसील परिसर में एकत्रित हो गए और धरने पर बैठ गए। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि दारोगा के खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई की जाए और उनकी जमीन उन्हें वापस दिलाई जाए।
इस घटना से स्थानीय लोगों में गहरा रोष है। धरने पर बैठे ग्रामीणों ने बताया कि वे इस संबंध में पहले भी कई बार शिकायत दर्ज करा चुके हैं, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। उनका आरोप है कि पुलिस प्रशासन इस मामले में कोई भी कार्रवाई करने से बच रहा है। मौके पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को शांत करने का प्रयास किया। उप जिलाधिकारी हैदरगढ़ शम्स तबरेज खान ने आश्वासन दिया है कि मामले की गहनता से जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर संबंधित दरोगा के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। आपको बता दें, फिलहाल धरने पर बैठे ग्रामीण अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं और कह रहे हैं कि जब तक उन्हें ठोस आश्वासन नहीं मिलता, वे धरना जारी रखेंगे। इस घटना ने एक बार फिर पुलिसकर्मियों के व्यवहार और आम जनता की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।