कांग्रेस ने भाजपा शासित राज्यों में दलितों पर अत्याचार बढ़ने पर मोदी सरकार पर तीखा हमला

Congress Blames modi
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Congress Blames Modi: हाल ही में कांग्रेस पार्टी ने राज्यों पर कब्जा कर विनाश करने वाली भाजपा को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है. उनका आरोप है कि जहां-जहां भाजपा की सरकार है, वहां दलितों, पुजारियों और महिलाओं पर अत्याचार बढ़ रहे हैं और संविधान का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है. साझेदारों को दस्तावेज जारी किए जा रहे हैं. तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते हैं.

कांग्रेस के आरोप और मुद्दे

जब से बीजेपी सत्ता में आई है गाय के रक्षकों की संख्या भी बढ़ गई है. इतना ही नहीं ब्राह्मणों और ठाकुरों को तो ऐसा लगता है जैसे गाय रखने का अधिकार केवल उनके पास है, इसलिए दलितों को गौ रक्षा के नाम पर टारगेट करने के तमाम मामले सामने आ रहे हैं. हालिया मामला ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से है. हाल ही में 2 दलित युवकों को मनुवादियों ने तस्कर बताक पिटाई कर दी थी, उनका सिर मूंडवा दिया था और घास खाने पर मजबूर किया था. अब यहां दलित समाज ने स्वघोषित गौरक्षकों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. दलित समाज ने सरकार से पूरे देश में गौरक्षकों को बैन करने की मांग की है. इन दलितों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि लोग गौरक्षकों के आतंक को बंद करने के लिए नारे लगा रहे हैं. उनका मानना है कि गौरक्षक जानबूझकर दलितों को टारगेट करते हैं ताकि समाज में भेदभाव बना रहे.

हाल ही में कांग्रेस पार्टी ने दलित उत्पीड़न मामलों पर एक सम्मेलन आयोजित किया था, जिसमें कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष राजेन्द्र पाल गौतम ने आरोप लगाया कि बीजेपी शासित राज्यों में दलितों के खिलाफ हिंसा और उत्पीड़न के मामले बढ़े हैं. राजेन्द्र पाल ने आगे कहा दलितों के खिलाफ अत्याचार के सबसे ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में दर्ज किए गए हैं. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि बीजेपी सरकार संविधान बदलने की बात कर रही है और दलितों के संवैधानिक अधिकारों का हनन हो रहा है.

मोदी सरकार नहीं कर रही उचित करवाई

राजेन्द्र पाल गौतम ने कहा हरियाणा में बीजेपी शासित सरकार है वहा भी दलित पर अत्यचार के मामले काफी बढे है उन्होंने दलित उत्पीड़न मामलों का जिक्र करते हुए कहा हरियाणा में साल 2017 में 762 उत्पीड़न की घटनाएं हुईं, जो बढ़कर 2021 तक 1,628 हो गई. मध्य प्रदेश में 5,892 घटनाएं एक साल में बढ़कर 7,214 तक पहुंच गई है. ⁠महाराष्ट्र में 1,689 घटनाएं एक साल में बढ़कर 2,503 हो गई. उड़ीसा में 1,669 घटनाएं एक साल में बढ़कर 2,327 हो गई. राजस्थान में 4,238 घटनाएं एक साल में बढ़कर 7,224 हो गई. उत्तर प्रदेश में 11,444 घटनाएं एक साल में बढ़कर 13,144 हो गई. उत्तराखंड में 96 का आंकड़ा एक साल में बढ़कर 130 हो गया है.

वही कांग्रेस का आरोप है कि दलितों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर मोदी सरकार उचित कार्रवाई नहीं कर रही है और अपराधियों को संरक्षण मिल रहा है. कांग्रेस का यह भी आरोप है कि जब विपक्षी सांसद पीड़ित परिवारों से मिलने जाते हैं, तो उन्हें रोका जाता है और उनके साथ जोर-जबरदस्ती की जाती है.

एनसीआरबी रिपोर्ट के अनुसार

इसके अलवा राजेन्द्र पाल ने कहा एनसीआरबी (NCRB) की रिपोर्ट बताती है कि 2018 से 2022 के बीच दलित अत्याचार के मामलों में 35% तक की वृद्धि हुई है. 2018 में दलितों के खिलाफ अपराध के 42,793 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 2022 में यह संख्या बढ़कर 57,582 हो गई. 2022 में उत्तर प्रदेश में दलितों पर अत्याचार के 15 हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए गए, जिसके बाद राजस्थान (साढ़े आठ हजार से ज्यादा) और मध्य प्रदेश का स्थान रहा. रिपोर्ट यह भी बताती है कि हर दिन औसतन 12 दलित महिलाओं के साथ रेप होता है और 2022 में दलित महिलाओं के साथ रेप के 4,241 मामले सामने आए थे।

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