दलित बच्चे की हत्या पेड़ पर लटका मिला शव, दादा का आरोप पुलिस की लापरवाही हुई पोते की मौत

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Uttar Pradesh crime: हाल ही में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखीमपुर (Lakhimpur) एक दिल दहला देने वाली खबर आई है जहां एक आठ साल के दलित नाबालिग लड़के की हत्या कर दी गई और उसके शव को उल्टा लटका दिया गया, जिसके बाद इलाके में तनाव का माहौल है. मृतक के दादा का आरोप है कि पुलिस की लापरवाही के कारण यह सब हुआ, नहीं तो उनका पोता अभी जिंदा होता. तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारें में विस्तार से बताते हैं.

बाबूल के पेड़ पर लटका मिला दलित लड़के का शव

भारत में दलितों पर अत्याचार की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. हर रोज दलित उत्पीड़न की तमाम ऐसी खबरें सामने आ रही हैं, जिन्हें सुनकर आप भी कांप उठेंगे. कहीं दलित नाबालिग बच्चे को मारकर बबूल के पेड़ पर टांगने का मामला सामने आई है. यहां एक 8 साल के मासूम दलित बच्चे का शव बबूल के पेड़ से लटका हुआ मिला है. बच्चे के शरीर पर मारपीट के गंभीर निशान मिले और उसके कपड़े भी फटे हुए थे. परिजनों ने गांव के ही चुन्ना, मुमताज, छोटे और कय्यूम पर जमीनी विवाद के चलते हत्या का आरोप लगाया है.

पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. साथ ही, लापरवाही के आरोप में झंडी चौकी इंचार्ज दुर्गेश शर्मा को लाइन हाजिर कर दिया गया. मृतक के पिता जमुना प्रसाद के अनुसार, शव पर चोट के निशान थे और उसकी बनियान फटी हुई थी. परिजनों का आरोप है कि पप्पू को पहले पीटा गया और फिर उसकी हत्या कर शव को पेड़ से लटकाया गया.

मृतक के दादा का आरोप

मृतक के दादा बताते हैं कि उनकी आबादी की जमीन पर आरोपियों ने कब्जा कर लिया था, जिसके खिलाफ उन्होंने कई बार पुलिस से शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने झंडी चौकी इंचार्ज (Jhandi Chowki incharge) पर लापरवाही का आरोप लगाया और कहा कि अगर समय पर कार्रवाई हुई होती तो उनके पोते की जान बच सकती थी. अब झंडी चौकी के इंचार्ज को लाइन हाजिर कर दिया गया है. दरअसल, यह दलित बालक शाम को चारा लाने गया था लेकिन लंबे समय तक घर नहीं लौटा.

उसके बाद परिजनों ने खोजबीन शुरु की तो घर से करीब 250 मीटर दूर एक बबूल के पेड़ पर उसका शव लटका मिला…इस मामले में दलित नेता चंद्रशेखर आजाद ने उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) को आड़े हाथों लेते हुए दलित परिवार (Dalit Family) को राहत देते हुए सहायता देने की मांग की है और साथ ही हाईकोर्ट के सिटिंग जज से मामले की निगरानी कराई जाने की मांग की है.

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