Dalit basti suffering electricity crisi: हाल ही में बिहार (Bihar) के सिवान (Siwan) से एक चौकने वाला मामला सामने है. जहाँ एक दलित बस्ती (Dalit basti) में रह रहे लोग काफी समय से बिजली का सकंट को झेल रहे है. लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. दलित परिवार की हालत इतनी दयनीय हो गयी है कि उनका रहना खाना सब मुश्किल हो गया हैं. बिजली भिवाग में शिकायत करने के बाद भी कोई देखरेख नहीं की गयी. दलित परिवारो का कहना है कि अब आन्दोलन करना पड़ेगा तब जाकर उनकी समस्या का हाल होगा. तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते हैं.
बिजली संकट से जूझ रही दलित बस्ती
जब दलितों के साथ न्याय की बात आती है तो अक्सर हमारी लचर और सुप्त कानून व्यवस्था मामले को इतना खींच देती है कि दलितों को आम सुख सुविधा भी नहीं मिल पाती है. अक्सर देखा जाता है दलित बस्तियों का हाल आज भी वही है जो पहले था. आज भी दलित बस्तियों को मूलभूत सुविधाए, कही जल संकट, तो कही बिजली आपूर्ति नहीं ऐसा ही एक खबर बिहार के सिवान से सामने आई है, जहां दलित बस्ती बिजली संकट से बेहाल हो चुका है.
दरअसल यह मामला सिवान (Siwan) के रघुनाथपुर निखती कला (Raghunanathapur Nikhatee kala) गांव का है, जहां दलित बस्ती में सैकड़ों दलित घरों में बिजली आपूर्ति की स्थिति दयनीय हो चुकी है…दलित बस्ती लगातार पावर कट की समस्या से गुजर रही है. यहां करीब 500 घरों पर केवल एक ट्रांसफॉर्मर है, जिसके कारण लोगों की परेशानियां बढ़ती जा रही है.
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शिकायत करने पर कोई कार्यवाही नहीं
इस दलित बस्ती में कभी-कभी हालात उतने खराब होते है कि लोगों को मोबाइल फोन चार्ज करने तक में परेशानी होने लगती है. इस मामले में दलित बस्ती के लोगों ने कई बार बिजली विभाग में शिकायत भी की लेकिन वहां से कभी कोई उनकी सुध लेने नहीं आय़ा है. ग्रामीणों का कहना है कि वे कई सालों से इस समस्या से जूझ रहे हैं. ऐसे में अब अगर जल्द से जल्द इस मुद्दे पर बिजली विभाग कोई एक्शन नहीं लेता है तो ग्रामीणों को मजबूरन आंदोलन करना पड़ेगा.
हैरानी की बात है कि एक तरफ सीएम नीतीश कुमार ने बिहार में 125 यूनिट मुफ्त बिजली देने का ऐलान किया है तो वहीं सिवान की दलित बस्तियों में बिजली की समस्या आज भी ज्यों की त्यों बनी हुई है. लोगों का कहां अब हमारे पास प्रोटेस्ट करने के अलवा कोई और सुझाव नहीं है.