Muzaffarpur News: रेप के बाद दलित बच्ची को नहीं मिला ईलाज! हो गई मौत, कांग्रेस ने बिहार में सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन

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Muzaffarpur News: हाल ही में बिहार के मुजफ्फरपुर में एक चौंकाने वाली घटना घटी, जहां एक नौ वर्षीय दलित लड़की की कथित रूप से बलात्कार और क्रूरतापूर्वक मारपीट के बाद मौत हो गई, जिसके बाद कांग्रेस पार्टी ने चिकित्सा लापरवाही के लिए राज्य सरकार के खिलाफ व्यापक आक्रोश और विरोध प्रदर्शन किया। तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते है।

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जानें क्या है पूरा मामला?

26 मई को नाबालिग लड़की को कथित तौर पर चॉकलेट का लालच देकर बलात्कार किया गया और उसके साथ क्रूरता से मारपीट की गई, जिससे उसकी गर्दन और अंदरूनी अंगों पर गंभीर चोटें आईं। उसे पहले मुज़फ़्फ़रपुर के श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (SKMCH) में नाबालिग लड़की को भर्ती कराया गया था। जहाँ उसकी गंभीर हालत के कारण उसे 30 मई को पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (PMCH) रेफर कर दिया गया था।

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चिकित्सा लापरवाही के आरोप

वही परिवार का आरोप है कि उसकी गंभीर हालत के बावजूद, लड़की को भर्ती होने से पहले PMCH के बाहर एम्बुलेंस में कई घंटों तक इंतज़ार करना पड़ा। उनका दावा है कि उचित देखभाल में देरी की गई और उन्हें उसे भर्ती कराने के लिए “हंगामा” करना पड़ा। परिवार ने लापरवाही और ज़रूरत से ज़्यादा दवा देने का भी आरोप लगाया है, जिसमें कहा गया है कि डॉक्टरों ने लड़की को पूरी रात बेहोश रखा और अगली सुबह (रविवार, 1 जून, 2025) उसकी मौत हो गई। उनका यह भी दावा है कि उन्हें सरकारी अस्पताल में 25,000 रुपये खर्च करने पड़े।

दूसरी और पीड़िता के परिवार और कांग्रेस नेताओं ने पुरज़ोर आरोप लगाया है कि पीएमसीएच में इलाज में देरी की वजह से उसकी मौत हुई। उनका दावा है कि उसे बिस्तर और उचित चिकित्सा सुविधा के लिए घंटों इंतज़ार करना पड़ा। हालांकि, पीएमसीएच के अधिकारियों ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा कि लड़की को उचित चिकित्सा सुविधा दी गई थी और देरी के परिवार के आरोप निराधार हैं।

राजनीतिक और सार्वजनिक प्रतिक्रिया

इस घटना ने बिहार में व्यापक आलोचना और महत्वपूर्ण राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है, खासकर तब जब राज्य में चुनाव नजदीक हैं। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने मामले का स्वतः संज्ञान लिया है और बिहार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी करते हुए इसे मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन बताया है। वही आयोग ने इस घटना की विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है। इसके अलावा, राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने भी स्वतः संज्ञान लिया है और अस्पताल के अधिकारियों और पुलिस की भूमिका की जांच करने की मांग की है, जिसमें इलाज में देरी को “घोर लापरवाही” बताया गया है। राहुल गांधी जैसे नेताओं ने भी इस मुद्दे पर अपनी आवाज उठाई है।

नाबालिग लड़की से रेप की खबर पर भड़कीं मायावती

इसके अलवा आपको बता दें इस मामले में सपा सुप्रीमो मायावती ने मुजफ्फरपुर में नाबालिग दलित लड़की के साथ बलात्कार और बाद में इलाज में कथित लापरवाही के कारण हुई मौत की घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने बिहार सरकार से इस मामले को गंभीरता से लेने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। मायावती ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में दलित नाबालिग के साथ बलात्कार और चाकू घोंपने की हालिया घटना और फिर पटना के अस्पताल में इलाज में देरी/लापरवाही के कारण उसकी मौत राज्य की लचर कानून और स्वास्थ्य व्यवस्था का जीता जागता सबूत है, जो अति-निंदा और चिंताजनक है। बिहार कब बदलेगा?

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