हाल ही में भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद (Chandrashekhar Azad) ने अयोध्या (Ayodha) में जगद्गुरु रामभद्राचार्य (Jagadguru Rambhadracharya) के खिलाफ एक विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि वह जगद्गुरु रामभद्राचार्य को संत नहीं मानते और उनकी अंधता उनके पिछले कर्मों के कारण है। चंद्रशेखर ने यह टिप्पणी रामभद्राचार्य द्वारा पश्चिमी उत्तर प्रदेश को “मिनी पाकिस्तान” कहे जाने के जवाब में की। इस बयान से संत समुदाय में व्यापक आक्रोश फैल गया है और कई संतों ने चंद्रशेखर के बयान की कड़ी निंदा की है। तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते हैं.
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चंद्रशेखर का विवादित बयान
हाल ही में आज़ाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नगीना सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने अयोध्या में 16वें प्रबुद्ध जन सम्मेलन में हिस्सा लिया। अपने भाषण के दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर बात की और कुछ विवादित बयान दिए, जिनकी खूब चर्चा हो रही है। उन्होंने जगद्गुरु रामभद्राचार्य के खिलाफ तीखी टिपणी करते हुए कहा कि वो उन्हें संत नहीं मानते है आज अगर वो नेत्रहीन है तो ये उनके पिछले कर्मो का फल है।
चंद्रशेखर के बयान में जगद्गुरु डॉ. भीमराव आंबेडकर के प्रति उनके अविश्वास और संविधान को नकारने का भी ज़िक्र था। इस पर रावण ने सख़्ती से जवाब देते हुए कहा, “इस देश का संविधान सर्वोच्च है। जिसे भी संविधान से दिक्कत है, वह कहीं और जा सकता है। यहाँ संविधान का राज है और प्रधानमंत्री भी इसका बहुत सम्मान करते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि आज़ाद समाज पार्टी संविधान के ख़िलाफ़ बेतुकी टिप्पणी करने वाले किसी भी व्यक्ति के ख़िलाफ़ संवैधानिक कार्रवाई करने से नहीं हिचकिचाएगी।
अयोध्या में दलितों और पिछड़े समुदायों के घरों को ध्वस्त
इतना ही नहीं उन्होंने सरकार पर तीखा हमला करते हुए अयोध्या में दलितों और पिछड़े समुदायों के घरों को ध्वस्त करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि गरीबों को पर्याप्त मुआवजे और पुनर्वास के बिना विस्थापित किया गया।
चंद्रशेखर ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारी करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में 50 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने बाबासाहेब डॉ. आंबेडकर के “शिक्षित बनो, संगठित हो और आंदोलन करो” के संदेश को दोहराया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि इस देश में संविधान सर्वोच्च है और जो लोग इसमें विश्वास नहीं करते, वे कहीं और जा सकते हैं।