Nanguneri news: हाल ही में तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले के नांगुनेरी से एक दुखद घटना सामने आई है, जहाँ, 19 वर्षीय दलित छात्र चिन्नादुरई पर बुधवार रात एक अज्ञात समूह ने हमला किया। बताया जा रहा है कि चिन्नादुरई को मोबाइल ऐप के ज़रिए एक सुनसान जगह पर बुलाया गया था, जहाँ उस पर हमला किया गया। तो चलिए इस लेख में हम आपको इस पूरे मामले की विस्तृत जानकारी देंगे।
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जानें क्या है पूरा मामला?
तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले के नांगुनेरी से कल एक चौंकाने वाली खबर आई, जहां 16 अप्रैल की रात को एक 18 वर्षीय दलित छात्र पर फिर से एक अज्ञात समूह ने हमला किया। पीड़ित छात्र ने अपने दोस्तों को घटना की जानकारी दी, जिसके बाद उसे तिरुनेलवेली मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया। यह वही छात्र है जो अगस्त 2023 में अपने सहपाठियों द्वारा जातिगत हिंसा का शिकार हुआ था। उस घटना के बाद उसके परिवार ने सुरक्षा के लिए तिरुनेलवेली शहर में जाने का फैसला किया था।
पुलिस ने शुरुआती जांच में “किसी भी जातिगत पहलू” से इनकार किया है, जिसमें दावा किया गया है कि चिन्नादुरई को अपने मोबाइल फोन को छीनने के प्रयास का विरोध करते समय चोटें आईं। हालांकि, यह घटना 2023 में नांगुनेरी में चिन्नादुरई और उनकी छोटी बहन पर हुए क्रूर जाति-आधारित हमले की याद दिलाती है, जिसमें उनके सहपाठियों, जो प्रभावशाली मारवार समुदाय से थे, उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया था। यह हमला तब हुआ जब चिन्नादुरई ने स्कूल प्रशासन से जाति-आधारित भेदभाव की शिकायत की।
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छात्र को तत्काल सुरक्षा प्रदान की जाए
घटना के बाद न्यायमूर्ति के. चंद्रू की अध्यक्षता में एक जांच आयोग का गठन किया गया, जिसने शिक्षण संस्थानों में जातिगत हिंसा को रोकने के लिए कई उपाय सुझाए। दलित अधिकार संगठनों ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और मांग की है कि: छात्र को तत्काल सुरक्षा प्रदान की जाए। पिछले और हाल के हमलों के सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए। राज्य सरकार को शिक्षण संस्थानों में दलित छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
कई राजनीतिक नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस हमले की निंदा की है और दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया है कि वह जस्टिस चंद्रू समिति की सिफारिशों को तुरंत लागू करे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।