Uttar Pradesh Crime: हाल ही में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के एटा जिले (Etah district) के ढकपुरा गांव (Dhakpura Village) से एक विवादित मामले की खबर सामने आई है, जहां गांव के ऊंची जाति के ठाकुरों ने एक बार फिर दलित समुदाय की बेटी की बारात रोक दी है। विवाद इतना बढ़ गया कि पथराव शुरू हो गया जिसके बाद पुलिस ने किसी तरह स्थिति को शांत किया। तो चलिए आपको इस लेख में आपको पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते हैं।
ठाकुरों ने फिर रोकी दलित की बारात
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में हाल ही में हुई एक घटना ने जाति आधारित भेदभाव के मुद्दे को एक बार फिर से उजागर कर दिया है, क्योंकि कथित तौर पर ठाकुरों ने एक दलित की बारात रोक दी, जिसके बाद पथराव हुआ। दरअसल, एक दिन पहले ही उत्तर प्रदेश के एटा जिले (Etah district) के ढकपुरा गांव (Dhakpura Village) में रहने वाले ठाकुरों (Thakurs) ने एक बार फिर वही किया जो कुछ समय पहले हुआ था। जी हां, एक बार फिर ठाकुरों ने गांव की ओर जाने वाली मुख्य सड़क पर एक दलित लड़की की बारात रोक दी, जिसके बाद दोनों समुदायों के बीच विवाद हो गया, जिसके बाद पथराव हुआ, जिससे लोग घायल हुए और उपद्रव हुआ। जिसके बाद गाँव के ही लोगो ने स्थनीय पुलिस को इस मामले की जानकरी दी हो मौके पर पहुँची पुलिस ने किसी तरह मामले को शांत करवाया है।
दलित परिवार का आरोप
दरअसल, जाटव समाज की एक बेटी की शादी 21 जून को थी लेकिन रात में जब बारात मुख्य गांव से गुजर रही थी तो ठाकुर समाज के कुछ लोगों ने बारात रोकने की कोशिश की। जब बारात नहीं रुकी तो ठाकुर समाज के लोगों ने उन्हें जातिसूचक गालियां दीं और मारपीट भी की और माहौल तनावपूर्ण हो गया। मामले की जानकारी मिलने पर पुलिस बल मौके पर पहुंचा। पुलिस ने किसी तरह दोनों पक्षों को शांत कराकर शादी संपन्न कराई और दुल्हन को विदा कराकर लोगों से शांति की अपील की। लेकिन अब पीड़ित परिवार का सवाल यह है कि आखिर कब तक हमारा समाज इस तरह के अत्याचार सहता रहेगा?
चंद्रशेखर आज़ाद ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर उठाये सवाल
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस मामले को लेकर एसएसपी एटा श्याम नारायण सिंह ने बताया कि फिलहाल गांव में पूरी तरह शांति है। स्थिति नियंत्रण में है और किसी भी तरह की हिंसा की कोई सूचना नहीं है। जिला प्रशासन ने स्थानीय लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। इस घटना ने स्थानीय अधिकारियों की आलोचना की है, कई लोगों ने सवाल उठाया है कि इस तरह की संभावित झड़प को रोकने के लिए पर्याप्त उपाय क्यों नहीं किए गए, खासकर पिछली ऐसी घटनाओं को देखते हुए। वही इस घटना को भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर ने भी उत्तरप्रदेश सरकार और पुलिस पर सवाल उठाये है।
चंद्रशेखर आज़ाद ने पोस्ट में लिखा, ’21 जून 2025 को रात 9 बजे जाटव समाज की एक गरीब बेटी की बारात उत्तर प्रदेश के एटा जिले के जलेसर विधानसभा क्षेत्र स्थित गांव ढकपुरा, थाना अवागढ़ पहुंची । लेकिन यह शुभ अवसर भी जातिवादी हमले का शिकार हो गया। जैसे ही बारात गांव में दाखिल हुई, जातिवादियों ने रास्ता रोक लिया और जातिवादी गालियां देते हुए कहा- “अगर कोई चमार बारात में शामिल हुआ तो उसे गोली मार दी जाएगी।
” चंद्रशेखर आज़ाद ने आगे लिखा, ‘पीड़ित परिवार ने हाथ जोड़कर विनती की, लेकिन जातिवादियों का जहर नहीं थमा। लाचार होकर दलित परिवार ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन न्याय दिलाने की बजाय उसने भी जातिवादी आतंकियों के आगे घुटने टेक दिए। ‘
कल दिनांक 21 जून 2025, समय रात्रि 9 बजे, उत्तर प्रदेश के एटा जनपद के जलेसर विधानसभा क्षेत्र स्थित ग्राम ढाकपुरा, थाना अवागढ़ में जाटव समाज की एक निर्धन बेटी की बारात पहुँची थी। परंतु यह मंगल अवसर भी जातंकवादी हमले का शिकार हो गया।
बारात के गांव में प्रवेश करते ही जातंकवादियों ने…
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) June 22, 2025