Tamilnadu news: हाल ही में तमिलनाडु के तिंडीवनम (Tindivanam) नगर से इंसानियत को शर्मशार करने वाला ममला सामने आया है. जहाँ दलित कर्मचारी से जबरन पैरों पर गिरकर माफी मंगवाई गयी है. इस एक विडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. जिसके बाद अधिकारी ने अपमान का आरोप लगाते हुए स्थनीय थाने में जाकर मामले शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने शिकायत दर्ज मामले की जाँच में जुट गयी है. तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते हैं.
सोशल मीडिया पर विडियो वायरल
दलितों के साथ अत्यचार गाँव, कस्बो तक ही सिमित ही नहीं बल्कि स्कूल, ऑफिस और सरकारी दफ्तर में भी है. मनुवादी यहाँ भी दलितों को अपना शिकार बनाते है और उनके साथ मारपीट भेदभाव जैसे कृत्यो को अंजाम देते हैं. ऐसा ही एक मामला तमिलनाडु से सामने आई है, जहां एक दलित सरकारी कर्मचारी को जबरन एक महिला पार्षद के पैरों पर गिरकर माफी मांगने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. ये वीडियो विल्लुपुरम (Villupuram) के तिंडीवनम नगर पालिका (Tindivanam Municipality) कार्यालय का है. जहां एक अनुसूचित जाति से आने वाले सरकारी अधिकारी एस. मुनियप्पन (S. Muniappan) डीएमके पार्षद राम्या राजा के पैरों पर गिर कर माफी मांगते दिख रहे हैं.
This is DMK’s model of Social Justice.
A public servant belonging to the Scheduled Caste community in Tindivanam was cornered continuously by DMK Councillors and was made to apologise by falling at the feet of the DMK Councillor Ramya. This is not the first time DMK has… pic.twitter.com/XrjNvtPvAN
— K.Annamalai (@annamalai_k) September 3, 2025
वीडियो वायरल होने के बाद विपक्षी पार्टियां डीएमके (DMK) पर हमलावर है. मुनियप्पन ने इस वीडियो के सामने आने के बाद डीएमके पार्षद राम्या राजा (DMK councillor Ramya Raja) के खिलाफ तिंडीवनम (Tindivanamपुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया है. उन्होंने बताया कि राम्या राजा अपने पति और कुछ समर्थकों से साथ उनके ऑफिस आई थी और कुछ दस्तावेजों को लाने को कहा था.
दलित अधिकारी को जातिसूचक गालियां देकर अपमानित
लेकिन मुनियप्पन को दस्तावेज लाने में समय लग गया, जिससे गुस्साई पार्षद और उनके पति ने दलित अधिकारी को जातिसूचक गालियां देनी शुरू कर दी औऱ जबरन पार्षद के पैरो में गिरकर माफी मांगने को कहा. वहीं बीजेपी नेता अन्नामलाई ने निशाना साधते हुए कहा कि डीएमके केवल न्याय का दिखावा करती है लेकिन असल में सबसे ज्यादा अन्नाय उन्हीं के राज में होता है.
साथ ही उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब डीएमके ने लोक सेवकों का अपमान किया है. यह कोई अकेली घटना नहीं है; इससे पहले भी डीएमके मंत्री थिरु राजा कन्नप्पन ने एक सरकारी कर्मचारी के खिलाफ जातिवादी गालियों का इस्तेमाल किया था. वहीं, महिला पार्षद ने कहा कि दलित अधिकारी को पैरों में गिरने के लिए नहीं कहा गया था, वो खुद भावुक हो कर गिरा है. हालांकि, मामले की सच्चाई क्या है, यह पुलिस की जांच के बाद ही साफ हो पाएगा. हालाँकि अभी तक इस मामले में किसी की कोई गिरफ़्तारी नहीं हुई हैं.