Gujrat: जातिगत भेदभाव के चलते 10वीं के दलित छात्र को स्कूल से निकाला गया, पुलिस ने FIR दर्ज की

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Caste Discrimination with dalit student: गुजरात (Gujarat) के राजकोट (Rajkot) से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहाँ एक 15 वर्षीय दलित छात्र को स्कूल से निकाल दिया गया और उसकी पिटाई की गई और जातिवादी गालियाँ दी गईं. पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है. तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते हैं.

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दलित छात्र को पीट कर किया बेइज्जत 

हाल ही में आंध्र प्रदेश से एक मामला सामने आया था. जहाँ स्कूल हॉस्टल के बच्चो ने अपने ही दलित क्लासमेट के साथ मारपीट की घटना को अंजाम दिया था. अब ऐसा ही एक मामला  गुजरात के राजकोट से सामने आया, जहां स्कूल के मालिक ने 10वीं में पढ़ने वाले एक दलित छात्र को पीट कर, बेइज्जत कर स्कूल से निकाल दिया. ये घटना मोरबी के वांकानेर की है, जहां 15 साल के एक नाबालिग दलित छात्र को यह सब झेलना पड़ा है. स्कूल के मालिक योगेंद्र सिंह जाला ने जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते पहले तो दलित छात्र की पिटाई कर दी, और फिर कहा कि उसकी जाति के लोगों को पढ़ने का कोई अधिकार नहीं है.

इतना ही नहीं जातिवादी योगेंद्र सिंह ने गालियों और थप्पड़ों के साथ दलित बच्चे को स्कूल से बाहर कर दिया. दूसरी और पीड़ित नाबालिग के पिता वही सफाईकर्मी हैं. इस घटना से आहत होकर उन्होंने वांकानेर सिटी पुलिस स्टेशन में स्कूल मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. उन्होंने बताया कि करीब दोपहर 1 बजे उन्हें सिद्धार्थ वाघेला नाम के शख्स ने जानकारी दी थी कि उनके बेटे को स्कूल ने निकाल दिया गया है और उसकी कमर पर भी लात मारी गई है.

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किशोर न्याय अधिनियम की धारा की तहत मामला दर्ज

मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकरी के अनुसार पीड़ित छात्र ने बताया कि वो स्कूल के बाहर नाश्ता कर रहा था, तभी स्कूल मालिक वहां पहुंचा और उसे बेज्जत करने लगा. इतना ही नहीं, उसने जातिसूचक गालियां देते हुए मारपीट भी की.  आपको बता दें, इस मामले की जांच मोरबी एससी-एसटी सेल के पुलिस उपाधीक्षक को सौंप दी गई है और पीड़ित छात्र की मेडिकल जांच कराई जा रही है. बीएनएस की धारा 115(2), एससी-एसटी एक्ट अत्याचार अधिनियम और किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 के तहत इस मामले को दर्ज किया गया है. अब जांच के बाद ही सब कुछ साफ हो पायेगा.

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