गुजरात हाईकोर्ट ने दलितों को मंदिर से बाहर रखने के आरोपों पर राज्य सरकार से मांगा जवाब

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Temple Exclusion Allegations: हाल ही में गुजरात से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. जहाँ गुजरात हाईकोर्ट (Gujrat High court) ने दलितों को मंदिर से बाहर रखने के आरोपों पर राज्य सरकार और बनासकांठा जिले (Banaskantha district) की पालड़ी ग्राम पंचायत के सरपंच (Sarpanch of Paldi Gram Panchayat) को नोटिस जारी किया है. यह नोटिस एक एफआईआर को रद्द करने की याचिका के जवाब में जारी किया गया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि पालड़ी गांव (Paldi Village) में एक मंदिर कार्यक्रम में जानबूझकर दलितों को आमंत्रित नहीं किया गया था. जिस पर हाईकोर्ट ने गुजरात सरकार से जवाब मांगा है. तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते है.

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दलितों को मंदिर में प्रवेश नहीं

दलितों पर अत्याचार और छुआछूत जैसे भेदभाव की प्रथा सदियों से चली आ रही है. लेकिन आज़ादी के इतने सालों बाद भी हालात जस के तस हैं. रोज़ाना दलितों से जुड़ी कोई न कोई खबर सामने आती रहती है. लेकिन सरकार कुछ नहीं करती और मनुवादी सोच रखने वालों की हिम्मत बढ़ती जा रही है. ऐसा ही एक मामला हाल ही में गुजरात से सामने आया जहां दलितों को मंदिर में प्रवेश न करने देने और उनके द्वारा दिए गए चंदे को भी स्वीकार न करने के आरोप को लेकर गुजरात हाईकोट ने सरकार पर शिकंजा कसा है. दरअसल, यह मामला गुजरात के पालड़ी गांव का है जहां 28 से 30 अप्रैल के बीच दूधेश्वर महादेव मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह हुआ था.

जिसमें गांव के सभी जातियों को बुलाया गया था लेकिन अनुसूचित जाति के लोगों को अनदेखा किया गया था. यहां तक कि पिछड़ी जाति के लोगों ने जो चंदा उस मंदिर की स्थापना के लिए देना चाहा उसे लेने से भी मंदिर कमेटी ने इनकार कर दिया था. जिसके बाद गांव के सरपंच ने 9 मई को भीलडी पुलिस स्टेशन में इरादतन अपमानित करने की शिकायत दर्ज कराई थी.

गुजरात हाईकोर्ट जारी किया नोटिस

इस मामले में संज्ञान लेते हुए गुजरात हाईकोर्ट (Gujrat Highcourt) के न्यायमूर्ति निरज़ार देसाई (Justice Nirzar Desai) ने पालड़ी गांव पंचायत के सरपंच (Sarpanch of Paldi Village Panchayat) और राज्य सरकार (State Government) को नोटिस जारी किया है. ये नोटिस उन 20 याचिकाकर्ता की याचिका पर जारी हुआ जिसमें उन्होंने एफआईआर रद्द करने की मांग की थी लेकिन फिलहाल कोर्ट ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

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