Justice for Dalit Student: हाल ही में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से एक परेशान करने वाली और शर्मनाक खबर सामने आई है. जहाँ एक दलित छात्र की स्कूल के पास अवैध खनन के गहरे गड्ढे में डूबने से मौत हो गई. जिसके बाद पूरे परिवार और इलाके में गुस्सा फैल गया. इस घटना को लेकर भीम आर्मी ने मृतक नाबालिग छात्र की मौत पर पीड़ित परिवार के लिए सरकार से 50 लाख रुपये के मुआवजे की भी मांग की है. तो चलिए आपको इस लेख में पुरे मामले के बारे में विस्तार से बताते है.
अवैध मिट्टी खनन के गहरे गड्ढे में डूबने से छात्र की मौत
भारत की न्याय व्यवस्था कितनी लचर है ये किसी से छिपा नहीं है. यहां एक छोटे से केस का फ़ैसला आने में सालों लग जाते है और अगर वो मुद्दा किसी दलित से जुड़ा हो, फिर तो न्याय के इंतजार में दशकों लग जाते हैं. ऐसे एक नहीं कई उदाहरण है. ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के मांडा क्षेत्र के नरवर चौंठा गाँव सामने आया है. जहाँ अवैध मिट्टी खनन के गहरे गड्ढे में डूबने से एक दलित छात्र विवान राज की मौत हो गई है. यह घटना स्कूल के पास हुई, जिसके बाद पूरे इलाके में शोक और गुस्से का माहौल है.
दरअसल, बीते दिन यानी गुरुवार शाम डॉ. भीमराव सामाजिक सेवा समिति (भीम सेना) के संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट भीमराव गौतम अपने साथियों के साथ मृतक के परिवार से मिलने गाँव पहुँचे. जहाँ उन्होंने मृतक छात्र के परिवार से मिलकर संवेदना व्यक्त की और मौके पर पहुँचकर मामले का संज्ञान लिया.
अवैध खनन पर आरोप और माँगें
इस घटना को लेकर स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस इलाके में वर्षों से अवैध मिट्टी खनन का कारोबार चल रहा है। ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन से शिकायत की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, जिसके कारण एक निर्दोष व्यक्ति को अपनी जान गंवानी पड़ी. मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार, भीमसेना ने इस घटना पर नाराजगी जताई है और जिला प्रशासन व राज्य सरकार से कुछ प्रमुख मांगें की हैं. जैसे कि घटना की निष्पक्ष जांच हो.
अवैध खनन के लिए जिम्मेदार अधिकारियों/व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए. साथ ही छात्र के परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाए. इसके अलावा भीमसेना संगठन ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर मांगें पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन किया जाएगा. इस मौके पर संगठन के अन्य प्रमुख कार्यकर्ता रोहित कुमार, अमरजीत, अभिषेक कुमार, धीरेंद्र राव अंबेडकर, रविराज बौद्ध, अशोक कुमार, शिवकुमार, अमरनाथ गौतम, सुनील कुमार, राजन, धर्मराज और आशीष कुमार भी मौजूद रहे. पीड़ित परिवार को आवासीय और कृषि भूमि उपलब्ध कराई जाए. बता दें, इस घटना ने एक बार फिर अवैध खनन के खतरनाक परिणामों और प्रशासन की लापरवाही पर सवाल खड़े कर दिए हैं.