Mainpuri news: हाल ही में यूपी (UP) के मैनपुरी (Mainpuri) से एक खबर आई है जहाँ ज़िला अदालत ने एक दलित युवक को गोली मारने के दोषी को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई है। इस मामले में अदालत (Court) ने आरोपी पर 20,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। तो आइए इस लेख में आपको पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते हैं।
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कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा
दलितों के साथ अत्यचार यूपी (Uttar Pradesh) में आम बात है। लेकिन हम आज जिस खबर की बात कर रहे हैं उसे बीते हुए 15 साल हो चुके है, जिस पर अब कोर्ट (Court) ने अपना फैसला सुनाया है. दरअसल, मैनपुरी (Mainpuri) के बेवर थाना क्षेत्र (Bewar Police Station Area) में 15 साल पहले हुए गोलीकांड में कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
आपको बता दें, यह घटना 9 जनवरी 2010 की है, जब गाँव निवासी राधाकृष्ण अपनी पत्नी नीरज के साथ छप्पर में सो रहे थे। तभी अचनाक रात करीब 2 बजे गाँव के ही हेमराज और उसका दोस्त सुभाष वहां पहुंचे और दलित दम्पति को जागकर मारपीट और जातिसूचक गालियां देने लगे इतना ही नहीं सुभाष के कहने पर आरोपी हेमराज ने तमंचे से राधाकृष्ण के कंधे में गोली मार दी और राधाकृष्ण की मौके पर घी मौत हो गयी थी।
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मामूली से शक के कारण उतारा मौत के घाट
मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस जाँच में पता चला कि दो साल पहले हेमराज को अवैध शराब के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। हेमराज को शक था कि राधाकृष्ण ने उसे पुलिस से गिरफ्तार करवाया है। इसी रंजिश के चलते उसने इस अपराध को अंजाम दिया। जिसके बाद मृतक के परिवार ने स्थनीय थाने में जाकर शिकायत दर्ज करवाई थी और मामले की जाँच करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था।
हालाँकि ये मामला कोर्ट में पहुचा जहाँ इस मामले की सुनवाई हुई जिसके बाद अदालत ने आरोपी को हत्या के प्रयास में 10 साल और एससी-एसटी एक्ट (SC-ST) में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वही फैसले के बाद आरोपी को जेल भेज दिया गया है। इससे एक बात तो साफ़ है कि समय चाहे समय ज्यादा लगे लेकिन दलितों को न्याय जरुर मिलेगा।