Ramganj dalit land dispute: हाल ही में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अमेठी (Amethi) के रामगंज (Ramganj) से विवादित मामला सामने आया है जहाँ रामगंज थाना क्षेत्र के मल्हीपुर सोनारी गांव (Sonari Village) में खाता संख्या 795 की एक दलित की ज़मीन पर कथित तौर पर पीआरडी (Provincial Reserve Force) और सेना के जवानों द्वारा अवैध क़ब्ज़े का मामला सामने आया है। तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते हैं।
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दलित की जमीन पर कब्ज़ा
दलितों पर अक्सर उनके अधिकारों को हड़पने और उनकी जमीन पर अवैध कब्जा करने का आरोप लगता रहता है। लेकिन कानून कुछ नहीं करता। ऐसा ही एक मामला अमेठी (Amethi) रामगंज (Ramganj) से सामने आया है, जहां पीआरडी(Provincial Reserve Force) और सेना के जवानों द्वारा दलित की जमीन पर जबरन कब्जा करने का मामला सामने आया है।
दरअसल, रामगंज में खाता संख्या 795 की जमीन पर पीआरडी जवान भोला वर्मा द्वारा कथित कब्जे का मामला तूल पकड़ता नजर आ रहा है। आरोप है कि 23 जून को पुलिस बल की मौजूदगी में जमीन का सीमांकन भी किया गया था, लेकिन इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई और भूमाफियाओं ने उस जमीन पर धान की फसल भी उगा दी। पीड़ित दलित के लिए यह स्थिति बेहद चिंताजनक है।
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पीड़ित परिवार की शिकायत पर नहीं हो रही सुनवाई
रमेश कुमार ने बताया कि राजस्व टीम (Revenue Team) ने मौके पर आकर जमीन की पैमाइश कर ली है। सीमांकन की अगली तारीख 22 जुलाई तय की गई है। मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार थाना प्रभारी रामगंज कृष्ण मोहन सिंह के बताया यह मामला उप जिला मजिस्ट्रेट की कोर्ट (Magistrate’s Court) में विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि 22 जुलाई को सीमांकन के बाद जो भी फैसला आएगा, उसका पालन किया जाएगा।
वही पीड़ितदलित परिवार ने बताया वो कई महीनो से लगातार दफ्तरों के चक्कर काट रहा है, लेकिन उसकी शिकायत कहीं नहीं सुनी जा रही है। वह न्याय के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है। पीड़ित परिवार का कहना है कि उनके पास रहने और खाने के लिए यही एक मात्र जमीन है, जिस पर अवैध कब्जा किया जा रहा है, अगर उनकी जमीन छीन ली गई तो उनके पास कुछ भी नहीं बचेगा। अब सवाल यह है कि क्या पैमाइश के बाद दलित को उसकी जमीन मिल पाएगी या फिर उसे सिर्फ कागजी कार्रवाई का ही इंतजार करना पड़ेगा।