PM Modi’s foreign trips: हाल ही में कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की विदेश यात्राओं पर खर्च को लेकर केंद्र सरकार (Central government) पर निशाना साधा है. उन्होंने आरोप लगाया है कि एक तरफ दलित, पिछड़े वर्ग के छात्रों को स्कॉलरशिप नहीं मिल रही है, वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री (Prime Minister) की विदेश यात्राओं पर हजारों करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं. तब कहा चला जाता है ये बजट तब क्यों नहीं मोदी सरकार को याद आता है. तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते हैं.
और पढ़े: जमीन हड़पने का आरोप: रामगंज में दलित की भूमि पर PRD और आर्मी जवान ने किया कब्जा
विदेश यात्राओं पर खर्च को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना
इन दिनों राहुल गाँधी दलितों के लिए काफी काम करते नज़र आ रहे है. अक्सर वो अपनी रैलियों और भासन में दलितों के हित में बोलते नज़र आ रहे है. उन्होंने हाल ही में दलित पिछड़े वर्ग के छात्रोंओं की शिक्षा स्कालरशिप की बात कहते हुए कहा, “BJP-RSS नेताओं के बच्चों को कहीं भी पढ़ने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन जैसे ही कोई बहुजन छात्र आगे बढ़ता है, पूरा सिस्टम बाधाएं खड़ी करना शुरू कर देता है. यह भाजपा का बहुजन शिक्षा का खुला विरोध है. यह मनुवादी सोच आज फिर एकलव्य का अंगूठा मांग रही है.”
वही उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया जहाँ उन्होंने मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि दलित आदिवासी छात्रों, युवाओं और किसानों की मदद करने के बजाय सरकार प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं (Prime Minister’s foreign visits) पर भारी भरकम रकम खर्च कर रही है. उन्होंने जोर देकर कहा कि देश में कई छात्र हैं जिन्हें आर्थिक मदद की सख्त जरूरत है, लेकिन सरकार उनकी अनदेखी कर रही है. तब सरकार को क्यों नहीं याद बजट राहुल गांधी ने पोस्ट में एक अंग्रेजी अखबार की खबर का भी जिक्र किया है, जिसके मुताबिक, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने 2025-26 शैक्षणिक वर्ष (academic year) के लिए छात्रवृत्ति (स्कॉलरशिप) जारी कर दी है. और जिनको स्कॉलरशिप मिली हैं.
जब कोई दलित, पिछड़ा या आदिवासी छात्र पढ़ना चाहता है – तभी मोदी सरकार को बजट याद आता है।
National Overseas Scholarship में चयनित 106 में से 66 वंचित छात्रों को सिर्फ इसलिए विदेश में पढ़ने की स्कॉलरशिप नहीं दी गई क्योंकि सरकार के पास “फंड नहीं” है।
लेकिन मोदी जी की विदेश… pic.twitter.com/pFweMJ8dJH
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 7, 2025
छात्रों को विदेश भेजना चाहिए
सरकारी स्कूलों की संख्या कम करना, उन्हें ‘Not Found Suitable’ घोषित करके अवसरों के द्वार अनावश्यक रूप से बंद करना, मेहनत से अर्जित छात्रवृत्तियों को छीनना – यह सिर्फ अन्याय नहीं है, यह बहुजन शिक्षा के प्रति भाजपा का खुला विरोध है. यह मनुवादी सोच आज फिर एकलव्य का अंगूठा मांग रही है. मोदी सरकार को इस अमानवीय निर्णय को तुरंत वापस लेना चाहिए और इन 66 छात्रों को विदेश भेजना चाहिए. इसके अलवा उन्होंने कहा हम मनुवादी सोच की वजह से दलितों के अधिकार को छिनने नहीं देंगे हम उनके हक़ के लिए लड़ेंगे और उनकी आवाज बनेंगे. ये उनका मौलिक अधिकार है ये उनसे कोई नहीं ले सकता हैं.
बता दें, यह पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी या अन्य विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं और उन पर होने वाले खर्च को लेकर सवाल उठाए हैं. विपक्ष लगातार सरकार से इन खर्चों का हिसाब मांगता रहा है और उसे जनहित के दूसरे मदों में खर्च करने को कहता रहा है. इस बयान के साथ ही राहुल गांधी ने एक बार फिर मोदी सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाए हैं और आर्थिक असमानता और सरकारी खर्च के आवंटन का मुद्दा उठाया है.
और पढ़े: दलित बच्चे की हत्या पेड़ पर लटका मिला शव, दादा का आरोप पुलिस की लापरवाही हुई पोते की मौत